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Up Kiran, Digital Desk: जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। पहाड़ों पर हो रही तेज बारिश का असर पंजाब तक दिखने लगा है, जहां कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। आई बाढ़ से जुड़े 5 अपडेट्स पर नजर डालते हैं-

जम्मू-कश्मीर की स्थिति

जम्मू संभाग में तवी और चेनाब नदियों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ का संकट गहरा गया है। जम्मू के बेलिचरणा क्षेत्र में करीब 35 घर और 6 दुकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। जिला रियासी में सलाल डैम के सभी गेट खोल दिए गए हैं। वहीं जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है। चेनानी और जखेनी के बीच कई जगहों पर सड़क धसने से यातायात पूरी तरह ठप है।

कई मकान और मंदिर जमींदोज हो गए

भदरवाह कस्बे में आधी रात हुई मूसलाधार बारिश के बाद आई बाढ़ सबसे विनाशकारी साबित हुई। यहां कई मकान और मंदिर जमींदोज हो गए। स्थानीय निवासी गणेश कुमार ने बेहद दर्दनाक लहजे में बताया कि रात करीब ढाई बजे पहले जोरदार धमाका हुआ और फिर अचानक मलबा घर पर टूट पड़ा। उनका कहना है कि किसी तरह जान बचाने में कामयाब हुए, लेकिन पूरा घर तबाह हो गया।

हिमाचल प्रदेश की स्थिति

हिमाचल प्रदेश में चंडीगढ़-मनाली हाईवे पर भूस्खलन का खतरा बरकरार है। कुल्लू जिले में ब्यास नदी उफान पर है और हाईवे का एक हिस्सा बह गया, जिससे सड़क मार्ग बाधित है। बुधवार देर रात बनाला के पास हुआ भारी भूस्खलन यातायात को सुचारू करने में सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।

पंजाब में बाढ़ का कहर

पंजाब भी बाढ़ की मार से अछूता नहीं रहा। पटियाला जिले में तो जिला कलेक्ट्रेट भवन में तक पानी घुस गया। गुरदासपुर जिले के दबूरी गांव के जवाहर नवोदय विद्यालय में फंसे 381 छात्रों और 70 शिक्षकों को एनडीआरएफ और बीएसएफ की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया। वहीं, भारतीय वायुसेना ने डेरा बाबा नानक क्षेत्र से 38 सेना और 10 बीएसएफ जवानों को बचाया। रक्षा मंत्रालय ने इसे “अत्यंत विपरीत परिस्थितियों में किया गया सफल अभियान” बताया।

जनजीवन अस्त-व्यस्त

लगातार बारिश से तीनों राज्यों में जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन, नदी किनारे बाढ़ और मैदानी इलाकों में जलभराव ने लोगों के लिए रोजमर्रा की जिंदगी मुश्किल बना दी है। प्रशासन राहत-बचाव कार्य में जुटा है, लेकिन मौसम विभाग की चेतावनियों को देखते हुए चुनौती अभी और बढ़ सकती है।