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Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक में एक बड़ा फैसला लेते हुए, राज्य सरकार ने बेंगलुरु के सबसे पुराने और ऐतिहासिक 'गली आंजनेय स्वामी मंदिर' को अपने मुजराई विभाग (Muzrai Department) के तहत ले लिया है। इस कदम का अर्थ है कि मंदिर का प्रबंधन और प्रशासन अब राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाएगा, जिससे इसके दैनिक कार्यों, राजस्व और विकास योजनाओं पर सीधा सरकारी नियंत्रण होगा।

गली आंजनेय स्वामी मंदिर बेंगलुरु के सबसे प्रतिष्ठित और भक्तों द्वारा अत्यधिक पूजे जाने वाले मंदिरों में से एक है। इसकी एक लंबी और समृद्ध ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है और यह शहर की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस मंदिर के सरकारी नियंत्रण में आने से इसके भविष्य के प्रबंधन और संरक्षण को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

सरकारी नियंत्रण का क्या अर्थ है? मुजराई विभाग के तहत किसी मंदिर को लेना एक आम प्रक्रिया है, विशेषकर उन मंदिरों के लिए जिनका ऐतिहासिक महत्व है या जो बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य मंदिरों के राजस्व का उचित प्रबंधन सुनिश्चित करना, सुविधाओं में सुधार करना, अतिक्रमणों को रोकना और पूजा-पाठ की व्यवस्था को सुचारू बनाए रखना होता है।

कुछ लोग सरकारी नियंत्रण को मंदिर की स्वायत्तता में हस्तक्षेप के रूप में देखते हैं, जबकि अन्य इसे बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता के लिए आवश्यक मानते हैं। उम्मीद है कि सरकार मंदिर के बुनियादी ढांचे में सुधार, भक्तों के लिए सुविधाओं को बढ़ाने और इसकी ऐतिहासिक अखंडता को बनाए रखने के लिए कदम उठाएगी।

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