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Up Kiran, Digital Desk: समोसा और जलेबी मुँह में पानी लाने वाले व्यंजन हैं। वहीं दूसरी ओर, पिज़्ज़ा आजकल हर पार्टी, आउटिंग और बच्चों की पसंदीदा सूची में सबसे ऊपर है। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि इन स्वादिष्ट व्यंजनों का हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?

इनमें से कौन सा खाना स्वास्थ्य के लिए सबसे ज़्यादा हानिकारक है...गरमागरम समोसा, मीठी जलेबी या स्वादिष्ट पिज़्ज़ा? पोषण विशेषज्ञ डॉ. करुणा चतुर्वेदी कहती हैं कि हर खाने के पीछे एक कहानी होती है। यह न सिर्फ़ स्वाद को बल्कि पोषण और स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है।

समोसा

समोसा भारत का सबसे लोकप्रिय स्ट्रीट फ़ूड है। इसे आलू, मसालों और मैदे से बनाया जाता है और फिर इसे तला जाता है। मैदे और तलने के कारण इसमें ट्रांस फैट की मात्रा ज़्यादा होती है जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है।

एक समोसे में लगभग 300 कैलोरी होती हैं। अगर इसे बार-बार गरम तेल में तला जाए, तो यह कैंसरकारी तत्व पैदा कर सकता है, जो शरीर के लिए खतरनाक हैं।

जलेबी

जलेबी में मौजूद रिफाइंड चीनी खतरनाक है। जलेबी में 100-150 कैलोरी होती हैं, मगर इसमें फाइबर या प्रोटीन नहीं होता।

जलेबी में मौजूद चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट ब्लड शुगर को तेज़ी से बढ़ाते हैं। इसके लगातार सेवन से मधुमेह, मोटापा और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

पिज़्ज़ा

पिज़्ज़ा में कई ऐसी चीज़ें होती हैं जो स्वाद तो बढ़ाती हैं, मगर सेहत को नुकसान पहुँचाती हैं। पिज़्ज़ा के एक स्लाइस में 250-350 कैलोरी होती हैं।

पिज़्ज़ा में संतृप्त वसा, सोडियम और प्रसंस्कृत सामग्री होती है। इससे रक्तचाप, हृदय रोग और वज़न बढ़ सकता है।

सबसे खतरनाक क्या

ये तीनों ही खाद्य पदार्थ ज़्यादा मात्रा में खाने पर नुकसानदेह होते हैं। सबसे बड़ा ख़तरा समोसे में मौजूद ट्रांस फैट और डीप फ्राई है।

कई लोगों को जलेबी खाना बहुत पसंद होता है। जलेबी में मौजूद चीनी और कैलोरी सेहत के लिए गंभीर ख़तरा पैदा कर सकती हैं। पिज़्ज़ा में मौजूद संतृप्त वसा और प्रसंस्कृत सामग्री दिल और लिवर के लिए हानिकारक होती है। छोटे बच्चों को पिज़्ज़ा ज़्यादा पसंद होता है।

ख़ास बात यह है कि समोसा और जलेबी तुरंत तैयार होकर गरमागरम परोसे जाते हैं, मगर पिज़्ज़ा का बेस पहले से तैयार होता है। पौष्टिक चीज़ें खाकर अपनी सेहत का ध्यान रखें।

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