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कश्मीर को भारत की प्राकृतिक सुन्दरता का मुकुट कहा जाता है। देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से पर्यटक इस जगह का आनंद लेने के लिए आते हैं। यहां की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर करती है। हालांकि, मंगलवार को कश्मीर घाटी में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले में अन्य राज्यों के लोगों की जान चली गई। हालाँकि, इसका सबसे बड़ा आर्थिक प्रभाव स्थानीय लोगों पर पड़ेगा। आतंकवादी हमले से पर्यटक इतने भयभीत हैं कि उन्होंने अगले 4-5 महीनों के लिए अपनी बुकिंग रद्द करनी शुरू कर दी है। निःसंदेह, इसका स्थानीय कश्मीरी लोगों और वहां की अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।

धीरे धीरे पटरी लौट रही थी गाड़ी, अब पहगाम हमला

अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद मोदी सरकार को कश्मीर घाटी में शांति बहाल करने में काफी समय लगा। यहां कई आर्थिक पहल शुरू की गईं। इसके कारण कश्मीर आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो रही थी। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने खुद कहा था कि 2024 में 2.35 करोड़ पर्यटक कश्मीर घाटी का दौरा करेंगे, जो 2023 में 2.11 करोड़ था। 2022 में 18.9 मिलियन पर्यटक कश्मीर घूमने आए। 2021 में 11.3 करोड़ पर्यटक कश्मीर घाटी में आये और 2020 में 3.4 मिलियन पर्यटक कश्मीर घाटी में आये। आंकड़े बताते हैं कि वहां पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसका फायदा राज्य की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ निचले स्तर पर आम आदमी को भी मिल रहा है।

पर्यटकों ने कश्मीर यात्रा रद्द की

इस आतंकवादी हमले के बाद कश्मीर आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आ सकती है। क्योंकि बड़ी संख्या में पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद्द करनी शुरू कर दी है। एक टूर्स एंड ट्रैवल ऑपरेशन प्रमुख ने कहा, "पहलगाम हमले के बाद, मुझे अगले 4-5 महीनों के लिए सभी बुकिंग रद्द करने के लिए कॉल आ रहे हैं।" इस हमले से स्थानीय व्यापार और पर्यटन को भारी नुकसान होगा। इसमें स्थानीय होटल, उड़ान और ट्रेन बुकिंग रद्द करना शामिल है।

होटल उद्योग को बड़ा झटका

कोरोना काल के कारण 2 साल से ठप पड़ा कश्मीर का होटल उद्योग अभी तक ठीक से उबर नहीं पाया था। ऐसे में आतंकी हमले के बाद अब होटल बुकिंग रद्द की जा रही है। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की पूर्व अध्यक्ष ज्योति मयाल का कहना है कि लोगों को कश्मीर में होटल में ठहरने की बुकिंग रद्द करने के लिए फोन आ रहे हैं। कश्मीर में पर्यटन गर्मियों के दौरान अपने चरम पर होता है। लेकिन, इस हमले के बाद बुकिंग बहुत तेजी से रद्द हो रही हैं। होटल व्यवसाय पर एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

अर्थव्यवस्था पर इसका क्या असर पड़ेगा

जम्मू और कश्मीर की समग्र अर्थव्यवस्था में अकेले पर्यटन का योगदान 8 प्रतिशत है। 2024-25 में राज्य की जीडीपी 7 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ रही है, जिसमें पर्यटन क्षेत्र सबसे तेजी से बढ़ रहा है। पिछले साल यानी 2024 में कश्मीर का पर्यटन उद्योग 12,000 करोड़ रुपये का था, जिसके 2030 तक 25,000 से 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। पिछले साल अकेले गुलमर्ग से 103 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ था।