img

Up Kiran, Digital Desk: मिठाइयों का नाम सुनते ही अक्सर मन में स्वाद के साथ-साथ 'गिल्ट' (अपराध बोध) का भी ख्याल आ जाता है। लेकिन अब 'क्लीन इंडल्जेन्स' (Clean Indulgence) का कॉन्सेप्ट भारत में डेसर्ट्स के भविष्य को नया आकार दे रहा है। 'यमी बी' (Yummy Bee) जैसा ब्रांड इसी नए दौर की अगुवाई कर रहा है, जहाँ स्वादिष्ट मिठाइयाँ स्वस्थ भी हो सकती हैं और उन्हें बिना किसी अपराध बोध के खाया जा सकता है।

'क्लीन इंडल्जेन्स' सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि एक जीवनशैली का हिस्सा बन रहा है। इसका मतलब है ऐसी मिठाइयों का आनंद लेना जिनमें प्राकृतिक सामग्री का उपयोग किया गया हो, चीनी, वसा और कृत्रिम तत्वों का कम से कम इस्तेमाल हो। इसमें ग्लूटेन-फ्री (Gluten-Free), वीगन (Vegan), डेयरी-फ्री (Dairy-Free) और प्लांट-आधारित (Plant-Based) विकल्प शामिल होते हैं, जो विभिन्न आहार संबंधी जरूरतों को पूरा करते हैं। यह उन स्वास्थ्य-जागरूक उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग को दर्शाता है जो स्वाद और पोषण के बीच संतुलन चाहते हैं।

यमी बी' इस अवधारणा को भारत में साकार कर रहा है। वे ऐसी डेसर्ट्स बनाते हैं जो न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि पोषण से भरपूर भी हैं। ब्रांड ने दिखाया है कि बिना भारी चीनी या कृत्रिम रंगों के भी डेसर्ट्स को आकर्षक और जायकेदार बनाया जा सकता है। यह भारतीय उपभोक्ताओं को एक नया विकल्प दे रहा है, जहाँ वे अपने पसंदीदा मीठे व्यंजनों का आनंद बिना सेहत से समझौता किए ले सकते हैं।

यह प्रवृत्ति भारतीय खाद्य उद्योग में एक बड़े बदलाव का संकेत है। जैसे-जैसे उपभोक्ता अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सचेत हो रहे हैं, 'क्लीन इंडल्जेन्स' ही भारत में डेसर्ट्स का भविष्य बनता जा रहा है। 'यमी बी' जैसे ब्रांड इस परिवर्तन का नेतृत्व कर रहे हैं, जो हमें दिखाते हैं कि मीठा खाना हमेशा 'गिल्टी प्लेज़र' नहीं होना चाहिए।

--Advertisement--