img

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने हाल के वर्षों में सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करके भारतीय नागरिकों को जासूसी के लिए फंसाया है। इन्फ्लुएंसर, सुरक्षा बलों के जवान, और आम लोग—इन सभी को अपने जाल में फंसाकर पाकिस्तान ने संवेदनशील जानकारी जुटाई है।

सोशल मीडिया का जाल:

पाकिस्तानी एजेंट्स ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स पर नकली प्रोफाइल बनाकर भारतीय नागरिकों से संपर्क किया। राजस्थान के बीकानेर जिले के नरेंद्र कुमार जैसे युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए ISI के महिला एजेंट्स ने हनीट्रैप में फंसाया। एक महिला एजेंट ने खुद को BSF की डाटा एंट्री ऑपरेटर बताकर नरेंद्र से दोस्ती की और उसे व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर सीमावर्ती इलाकों की जानकारी हासिल की।

सुरक्षा बलों के जवानों को निशाना बनाना:

CRPF और अन्य सुरक्षा बलों के जवानों को भी निशाना बनाया गया। फेसबुक पर नकली प्रोफाइल बनाकर जवानों से दोस्ती की गई और फिर उन्हें गोपनीय जानकारी साझा करने के लिए दबाव डाला गया। कुछ मामलों में, जवानों के दोस्तों और परिवार के सदस्यों को भी फर्जी प्रोफाइल से संपर्क किया गया और उनसे पैसे की मांग की गई।

साइबर फ्रॉड और ठगी:

साइबर अपराधियों ने भी सुरक्षा बलों के अधिकारियों की पहचान बनाकर ठगी की। लखनऊ के तेलीबाग इलाके में एक व्यक्ति को CRPF अधिकारी बनकर कॉल की गई और ट्रांसफर के नाम पर घरेलू सामान बेचने का झांसा देकर 50,000 रुपये ठगे गए।
 

--Advertisement--