
दिवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों की हवा बहुत ख़राब हो गई है. एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ख़तरनाक स्तर पर पहुँच चुका है. यह ज़हरीली हवा हर किसी के लिए नुक़सानदेह है, लेकिन गर्भवती महिलाओं और घर के बुज़ुर्गों के लिए यह किसी दुश्मन से कम नहीं .
अगर आपके घर में भी कोई गर्भवती महिला या बुज़ुर्ग हैं, तो उनकी सेहत को लेकर लापरवाही बिल्कुल न करें. हमने डॉक्टरों से बात करके कुछ आसान और ज़रूरी नियम जाने जिन्हें अपनाकर आप अपनों को इस ज़हरीले धुंध से बचा सकते हैं.
गर्भवती महिलाओं के लिए ख़ास हिदायतें: ख़राब हवा का असर सिर्फ़ माँ पर ही नहीं, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है. इससे बच्चे का विकास रुक सकतासमय से पहले डिलीवरी हो सकती है या जन्म के समय बच्चे का वज़न कम हो सकता
ऐसे करें बचाव:घर ही क़िला है: जब तक बहुत ज़रूरी न हो, घर से बाहर बिल्कुल न निकलें. ख़ासतौर पर सुबह और शाम के समय, जब प्रदूषण सबसे ज़्यादा होता , बाहर जाने से बचें.
मास्क ही कवच है: अगर बाहर निकलना ही पड़े, तो सिर्फ़ N95 या FFP2 मास्क पहनकर ही निकलें. कपड़े का या सर्जिकल मास्क इस प्रदूषण में बेअसर है.
घर की हवा साफ़ रखें: घर के अंदर की हवा को साफ़ रखने के लिए एयर प्यूरिफ़ायर का इस्तेमाल करें. अगर प्यूरिफ़ायर नहीं है, तो खिड़की-दरवाज़े बंद रखें.
शरीर में पानी की कमी न होने दें: ख़ूब पानी पिएँ और तरल चीज़ें लेते रहें. इससे शरीर के अंदर मौजूद गंदगी बाहर निकलती रहती ਹੈ.
खान-पान पर ध्यान दें: अपनी डाइट में विटामिन-सी, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीज़ें (जैसे- फल, सब्ज़ियाँ, नट्स) शामिल करें. यह शरीर की रोग से लड़ने की ताक़त बढ़ाता है.
बुज़ुर्गों के लिए ज़रूरी सावधानियाँ: बुज़ुर्गों का शरीर पहले से ही कमज़ोर होता ਹੈ. प्रदूषण की वजह से उन्हें अस्थमा, दिल की बीमारी या साँस की तकलीफ़ जैसी पुरानी बीमारियाँ और बढ़ सकती
ऐसे करें बचाव:मॉर्निंग/इवनिंग वॉक बंद कर दें: जब तक हवा साफ़ न हो जाए, सुबह-शाम टहलने के लिए बाहर न जाएँ. घर के अंदर ही हल्की-फुल्की कसरत या योग करें.
दवाइयाँ हमेशा पास रखें: अगर उन्हें साँस या दिल से जुड़ी कोई बीमारी ਹੈ, तो उनकी ज़रूरी दवाइयाँ और इनहेलर हमेशा उनके पास रखें.
लक्षणों पर नज़र रखें: अगर साँस लेने में तकलीफ़, लगातार खाँसी, आँखों में जलन या सीने में भारीपन महसूस हो, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
भाप लेना फ़ायदेमंद: दिन में एक बार गर्म पानी की भाप लेने से साँस की नली साफ़ रहती ਹੈ और आराम मिलता है.
बाहर के खाने से परहेज़: बाहर के तले-भुने खाने से बचें और घर का बना सादा और पौष्टिक भोजन ही करें.
याद रखें, थोड़ी सी सावधानी बरतकर आप अपने परिवार को इस ख़तरनाक प्रदूषण के बुरे असर से बचा सकते हैं.