Up Kiran, Digital Desk: भारत को दुनिया का नया मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने और 'मेक इन इंडिया' अभियान को और सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने एक उच्च-स्तरीय पैनल का गठन किया है जो मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग नीतियों की समीक्षा करेगा और इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए नए सुझाव देगा।
इस कमेटी का मुख्य उद्देश्य उन सभी चुनौतियों और बाधाओं की पहचान करना है, जो देश में मैन्युफैक्चरिंग की ग्रोथ को रोक रही हैं। साथ ही, यह पैनल ऐसे उपायों की सिफारिश करेगा जिससे भारत में व्यापार करना और आसान हो सके, खासकर छोटी और मध्यम आकार की कंपनियों (MSMEs) के लिए।
कमेटी का फोकस क्या होगा,जमीनी स्तर पर काम: यह पैनल सिर्फ कागजी कार्रवाई तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इंडस्ट्री के लोगों, व्यापारिक संगठनों और अलग-अलग राज्यों के प्रतिनिधियों से सीधे बात करेगा ताकि जमीनी हकीकत को समझा जा सके।
निवेश बढ़ाना: कमेटी का एक बड़ा लक्ष्य देश में घरेलू और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए एक बेहतर और अधिक अनुकूल माहौल बनाना है।
PLI स्कीम की समीक्षा: सरकार द्वारा शुरू की गई प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम कितनी सफल रही है और इसे और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है, इसकी भी समीक्षा की जाएगी।
नई टेक्नोलॉजी: कमेटी इस बात पर भी ध्यान देगी कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोमेशन जैसी नई तकनीकों को मैन्युफैक्चरिंग में अपनाया जा सकता है, ताकि भारत वैश्विक स्तर पर मुकाबला कर सके।
सरकार का मानना है कि इस कमेटी की सिफारिशें देश को आत्मनिर्भर बनाने और चीन जैसे मैन्युफैक्चरिंग दिग्गजों के विकल्प के रूप में उभरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इससे न केवल औद्योगिक विकास को गति मिलेगी, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
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