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Up Kiran, Digital Desk: जयपुर के सांगानेर इलाके में शुक्रवार को एक युवा की आत्महत्या ने समाज और सिस्टम दोनों को हिला कर रख दिया। 26 वर्षीय रवि नामा की जिंदगी एक दर्दनाक मोड़ पर खत्म हो गई, लेकिन उससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह रही कि समय पर मिली सूचना के बावजूद भी उसे बचाया नहीं जा सका। यह घटना अब पुलिस की जवाबदेही और संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

आखिरी कॉल बना बेबस पुकार

रवि नामा, जो गोविंदपुरा में अपने भाइयों के साथ रहता था और एक फाइनेंस एजेंट के रूप में काम करता था, शुक्रवार सुबह रोज़ की तरह घर से निकला। लेकिन दोपहर करीब 1:30 बजे उसने अपने बड़े भाई गणेश को फोन कर कहा कि वह सब कुछ छोड़कर जा रहा है। गणेश ने तुरंत कॉल बैक किया, लेकिन रवि ने फोन नहीं उठाया। इस एक कॉल ने पूरे परिवार को हिला दिया और सब उसकी तलाश में निकल पड़े।

परिजनों की उम्मीद टूटी, पुलिस से मिला उपेक्षा भरा जवाब?

जब रवि का कोई पता नहीं चला तो उसके जीजा भावेश मदद के लिए सांगानेर सदर थाने पहुंचे। वहां उन्होंने ड्यूटी ऑफिसर को पूरी जानकारी दी और लोकेशन ट्रेस करने की गुहार लगाई। लेकिन परिजनों का आरोप है कि उन्हें गंभीरता से नहीं लिया गया। भावेश का दावा है कि ड्यूटी ऑफिसर ने उन्हें यह कहते हुए टाल दिया— "मर जाए तब आ जाना।"

परिजनों का यह भी कहना है कि शिकायत करने पर उन्हें थाने से बाहर कर दिया गया। इस रवैये से परिवार पूरी तरह निराश हो गया और खुद ही रवि की तलाश जारी रखी।

तीन घंटे बाद मिला शव, पास में खड़ी थी बाइक

करीब तीन घंटे तक शहरभर में खोजबीन के बाद शाम 4:30 बजे मालपुरा गेट थाना क्षेत्र में रेलवे ट्रैक के पास एक शव मिलने की सूचना पुलिस को मिली। पास में एक बाइक भी खड़ी थी। जांच के बाद शव की पहचान रवि नामा के रूप में हुई। यह खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। शव को महात्मा गांधी अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया है।