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आईपीएल 2025 में शुभमन गिल की कप्तानी में गुजरात टाइटंस का प्रदर्शन अब तक काफी सराहनीय रहा है। टीम ने अब तक कुल पांच मुकाबले खेले हैं, जिनमें से चार में उसे जीत मिली है। लेकिन सीजन के बीच में ही टीम को एक करारा झटका लगा है। टीम के विदेशी खिलाड़ी ग्लेन फिलिप्स चोटिल हो गए हैं और पूरी तरह से टूर्नामेंट से बाहर हो चुके हैं।

गौर करने वाली बात यह है कि फिलिप्स को अब तक एक भी मुकाबले में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बनाया गया था। वह पूरी तरह बेंच पर ही रहे और जब उन्हें पहली बार बतौर सब्स्टीट्यूट फील्डर मैदान पर भेजा गया, उसी दौरान वह गंभीर रूप से चोटिल हो गए।

हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग करते हुए हुए घायल

ग्लेन फिलिप्स को चोट उस वक्त लगी जब वह सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ एक मैच में सब्स्टीट्यूट फील्डर के तौर पर उतरे। मुकाबले के छठे ओवर में, ईशान किशन के एक शॉट को पकड़ने की कोशिश में फिलिप्स फिसलकर गिर पड़े। इस दौरान उन्हें ग्रोइन इंजरी हो गई। चोट इतनी गंभीर थी कि वह कुछ देर तक मैदान पर ही लेटे रहे और बाद में लंगड़ाते हुए बाहर ले जाए गए।

इतना ही नहीं, गिरने के बावजूद उन्होंने थ्रो करने की कोशिश की, जिससे उनकी कमर में खिंचाव आ गया। अब स्थिति यह है कि फिलिप्स इलाज के लिए न्यूजीलैंड लौट चुके हैं। हालांकि, गुजरात टाइटंस की टीम ने अभी तक उनके रिप्लेसमेंट की घोषणा नहीं की है।

2 करोड़ में खरीदे थे फिलिप्स

गुजरात टाइटंस ने ग्लेन फिलिप्स को आईपीएल 2025 की मेगा नीलामी में 2 करोड़ रुपये में खरीदा था। फिलिप्स ने हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में शानदार फील्डिंग से सबका ध्यान खींचा था, जिसमें उन्होंने कई बार हवा में उड़ते हुए हैरतअंगेज कैच लपके थे। ऐसे में टीम को उनसे काफी उम्मीदें थीं।

ग्लेन फिलिप्स से पहले दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा भी टीम का साथ छोड़कर घर लौट चुके हैं। हालांकि रबाडा की वापसी को लेकर अब तक कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है।

अब सिर्फ पांच विदेशी खिलाड़ी बचे

गुजरात टाइटंस की टीम में कुल सात विदेशी खिलाड़ी शामिल थे—जोस बटलर, राशिद खान, शेरफेन रदरफोर्ड, ग्लेन फिलिप्स, करीम जनत, गेराल्ड कोएत्जी और कगिसो रबाडा। लेकिन अब रबाडा और फिलिप्स के बाहर हो जाने से टीम के पास सिर्फ पांच विदेशी खिलाड़ी बचे हैं।

अब तक बटलर, राशिद और रदरफोर्ड ही टीम के सभी मुकाबलों में खेले हैं। फिलहाल टीम को अपने विदेशी खिलाड़ियों के सीमित विकल्पों के साथ ही आगे के मुकाबलों में रणनीति बनानी होगी।

गुजरात टाइटंस की यह स्थिति निश्चित ही टीम मैनेजमेंट के लिए एक नई चुनौती है, खासकर तब जब सीजन अभी अपने मध्य चरण में है। टीम को अब न सिर्फ बैकअप विकल्पों पर ध्यान देना होगा बल्कि हर मैच में चोट से बचने की रणनीति भी बनानी होगी।

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