(पवन सिंह)
मध्य प्रदेश यानी "हिन्दुत्व" का एक ऐसा किला जहां एक बच्चे के मां-बाप ने सरकारी अत्याचार से तंग आकर आत्महत्या कर ली...बच्चे के गुल्लक में इतनी बड़ी रकम थी कि ED जांच के लिए बच्चे के घर पहुंच गई..!!! मां-बाप को इतना प्रताड़ित किया कि बच्चे के मां-बाप ने आत्महत्या कर ली..!! यदि आप हिन्दुत्व के जहरीले जहर से डसे जा चुके हैं तो बच्चे का कुसूर समुद्र सा विशाल दिखेगा और उसके मां-बाप की लाशें आपको सुखद आनंद का एहसास करेंगी और अगर मानवीय मूल्य, संवेदनाएं अभी भी शेष होंगी तो आप भीतर तक दहल जायेंगे...बच्चे का कुसूर था कि उसने राहुल गांधी को अपनी गुल्लक दान कर दी थी..!!!
कुछ दिन पूर्व कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुल्लक भेंट करने वाले बच्चों के पिता और मध्य प्रदेश के कारोबारी मनोज परमार और उसकी पत्नी ने खुदकुशी कर ली थी। परमार के घर पर ED ने छापा मारा था...!!!
आत्महत्या से पहले जो तथ्य सामने आए वह कभी लोकतांत्रिक रहे इस देश के लिए दुखद हैं। इस देश में जब तक लोकतंत्र रहा तब तक भारतीय मेन स्ट्रीम मीडिया रोज सत्ता की बखिया उधेड़ा करता था... आंदोलकारी पार्लियामेंट के सामने पोल पर भी झंडा लगा दिया करते थे..!! राजनेताओं पर तीखे कार्टून बन जाया करते थे...फिर हुआ ये कि मेरे पुराने साथी और प्रख्यात काटूर्निस्ट मंजुल को मात्र इसलिए नौकरी छोड़नी पड़ी क्योंकि उन्होंने एक "बहुरूपिया" पर कार्टून बनाने की जुर्रत की थी..!! एक गुल्लक और उसके भीतर भरे चंद सिक्के ED की जांच का विषय बन गये..??? और वो 28 लोग जो बैंकों को अरबों-खरबों लेकर भाग गये वो प्रखर राष्ट्रवादी हो गये..?? वो तमाम नेता जो 1000-1500 करोड़ कमा कर सामने आए वो क्लीनचिट पा गये ..??? इनकम टैक्स और ईडी को दिखना बंद हो गया...??? एक गुल्लक दिख गया..??
इस बच्चे के माता-पिता की यह सरकारी हत्या है लेकिन मीडिया की ईमानदारी देखिए कि वह इस खबर से बच कर निकल गया..!!!
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक्स पर लिखा-"आष्टा सिहोर जिला मप्र के मनोज परमार को बिना कारण ED द्वारा परेशान किया जा रहा था. मनोज परमार के बच्चों ने राहुल को भारत जोड़ो यात्रा के समय गुल्लक भेंट की थी. मनोज के घर पर ईडी के सहायक निदेशक भोपाल संजीत कुमार साहू द्वारा रेड की गई थी... मनोज अनुसार उस पर रेड इसलिए डाली गई क्योंकि वह कांग्रेस का समर्थक है.. मैंने मनोज के लिए वकील की व्यवस्था भी कर दी थी, लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है मनोज इतना घबराया हुआ था कि उसने व उसकी पत्नी ने आज सुबह आत्म हत्या कर ली. मैं इस प्रकरण में ईडी के निदेशक से निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं...!!!"
मनोज परमार का सुसाइड नोट वायरल हो चुका है..आप पढ़ेंगे तो कांप जायेंगे...मनोज परमान ने आत्महत्या से पूर्व आरोप लगाया है कि बार-बार अधिकारी बोलते रहे कि तुम और तुम्हारा परिवार भारतीय जनता पार्टी में होते तो तुम पर केस नहीं होता... राहुल गांधी भी तुम्हारी मदद नहीं कर पाएगा....हम उसे भी जल्दी गिरफ्तार करेंगे…
मनोज अपनी आत्महत्या के पूर्व आगे लिखते हैं कि- मैं 2017 से एक ही घटना की दो FIR को सेशन कोर्ट आष्टा व CBI कोर्ट भोपाल में ट्रायल झेल रहा हूं। वर्ष, 2023 फरवरी में आष्टा कोर्ट का जजमेंट हो चुका है और इसकी दूसरी FIR CBI कोर्ट भोपाल में ट्रायल अभी चल रहा है। आज तीसरी बार मेरे घर पर दिनांक 5 दिसंबर, 20240को ED ने सुबह 5 बजे रेड की....पूरे घर की सर्चिग की गई..जब सुबह ED के अधिकारी मेरे घर आए तो सबसे पहले उन्होंने मेरे घर को सील कर दिया.... परिवार के लोगों के साथ संजीत कुमार साहू जी (ED का अधिकारी) ने गाली गलौज व मेरे साथ मारपीट की...सभी के फोन छीना लिए ओर बच्चों सहित मेरी पत्नी को एक कमरे में बंद कर दिया..मेरे बार बार निवेदन करने के बाद भी पूरे दिन मुझे खाना नहीं दिया जबकि ED के लोग बाहर से खाना मंगवाकर खाते रहे ....बाथरूम भी संजीत कुमार साहू के सामने करनी पड़ी....साहू बार बार एक ही बात बोलता रहा कि मामला निपटना हो तो बच्चों को BJP ज्वाइन करवा दे मामला खत्म हो जाएगा नहीं तो इतनी धारा जोडूंगा की राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनने के बाद भी धाराएं नहीं हटा पाएगा. ..इसलिए मामला सेटल करो ओर फ्री हो जाओ...!!
मनोज परमार आगे लिखते हैं कि-कांग्रेस पार्टी के तमाम नेताओं और खासकर राहुल जी से निवेदन है कि आपसे जुड़ने और कांग्रेस का काम करने पर हम जैसे लोगों को ED परेशान कर रही है जिसके कारण आज मुझे आत्महत्या करना पड़ रहा है..."
यह सुसाइड नोट बाहर आ चुका है। अब आप कल्पना करिये कि किस माहौल में आप जी रहे हैं..!! मैं लगातार लिखता रहा हूं कि यह सरकार ही न तो लोकतांत्रिक है और न ही इसके नेताओं में लोकतंत्र के प्रति कोई सम्मान शेष है..!! यह मानवीय संवेदनाओं से परे और खतरनाक विचार धारा से भरे हुए लोग हैं और यह देश अराजकता और ग़रीबी के एक ऐसे भंवर में फंसे चुका है जहां से अब आगे निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा है..!!! विश्व बैंक अर्थव्यवस्था के मसले पर खतरनाक चेतावनी जारी कर चुका है...शिक्षा व चिकित्सा व्यवस्था चौपट की जा चुकी है.. रोजी-रोजगार निपटाया जा चुका है और सरकार को अब आपके वोटों का न तो डर रहा न ही कोई चिंता..!!!
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