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Up Kiran, Digital News: क्या आपको कभी सिर्फ इसलिए जज किया गया क्योंकि आपने मेट्रो से ऑफिस जाने का रास्ता चुना। अगर नहीं तो शुक्र मनाइए। मगर एक रेडिट यूज़र के साथ हाल ही में कुछ ऐसा ही हुआ—जहां उसके ट्रैवल मोड को लेकर उसे न सिर्फ सवालों के घेरे में डाला गया बल्कि जॉब इंटरव्यू से रिजेक्ट भी कर दिया गया।

ये वाकया जितना अजीब है उतना ही गंभीर भी। ये हमें सोचने पर मजबूर करता है कि क्या भारत या दुनिया भर में अब भी लोगों को उनकी काबिलियत से ज्यादा उनके ज़रिए (Means) पर परखा जा रहा है।

रेडिट पर पोस्ट शेयर करने वाले यूज़र का दावा है कि उसने एक कंपनी में इंटरव्यू देने के लिए अप्लाई किया था। वह समय पर ऑफिस पहुंचा मगर पैदल – क्योंकि उसने पब्लिक ट्रांसपोर्ट (संभवत: ट्रेन या बस) का इस्तेमाल किया था।

जैसे ही वह ऑफिस पहुंचा, वहाँ के मैनेजर ने CCTV फुटेज में उसे आते देखा और पहला सवाल पूछा — “क्या तुम्हारे पास खुद की गाड़ी नहीं है?”

इस सवाल के बाद शुरू हुई जजमेंट की झड़ी। मैनेजर ने कहा कि कोई भी उस इंसान को नौकरी पर नहीं रखता जो बस या ट्रेन से आता है, क्योंकि ऐसे लोग टाइम पर नहीं पहुंचते।

बात गाड़ी की नहीं, सोच की है

इस यूज़र ने यह भी लिखा कि इंटरव्यू के दौरान उसकी स्किल, अनुभव या जॉब से जुड़ा कोई सवाल नहीं पूछा गया। बल्कि उसके लाल बालों को अनप्रोफेशनल बताया गया और बातचीत का सारा फोकस उसके ट्रैवल मोड और लुक्स पर रहा।

यह मामला सिर्फ एक उम्मीदवार की कहानी नहीं है बल्कि यह उस माइंडसेट का आईना है जहां अब भी लोग बाहरी चीज़ों से प्रोफेशनलिज़्म को आंकते हैं — चाहे वह आपका लुक हो, पोशाक हो या आपकी बाइक।

सोशल मीडिया पर बहस तेज

इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर काफी बहस छेड़ दी। एक यूज़र ने लिखा कि बहुत सारे लोग ट्रैफिक से बचने के लिए मेट्रो या ट्रेन से सफर करते हैं। इसमें गलत क्या है।

दूसरे ने कहा कि जो मैनेजर किसी के लुक और ट्रांसपोर्ट से उसे जज करता है, वह खुद ही अनप्रोफेशनल है।

 

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