एक बार फिर पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में 2 महिलाओं को निर्वस्त्र सड़क पर घुमाने का शर्मसार करने वाला वीडियो आने के बाद देश की सियासत फिर गरमा गई है। आज संसद के मानसून सत्र शुरू होते विपक्षी सांसदों ने सदन में केंद्र और मणिपुर सरकार के खिलाफ जोरदार हंगामा किया।
इस घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार को कड़ी चेतावनी भी दी है। वहीं मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र सड़क पर घुमाने के मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताई नाराजगी। कहा- 'मेरा हृदय आज पीड़ा से भरा है, क्रोध से भरा है।
मणिपुर की घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है। किसी गुनहगार को बख्शेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि पाप करने वाले कितने हैं और कौन हैं ये अपनी जगह है। पूरे देश को शर्मसार किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार होना पड़ा है। सभी मुख्यमंत्रियों से कहता हूं कि कानून-व्यवस्था को मजबूत करें।
माताओं-बहनों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाएं। इस देश में हिंदुस्तान के किसी भी कोने या किसी भी राज्य सरकार में राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून-व्यवस्था और बहनों का सम्मान प्राथमिकता है। किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता।चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि मणिपुर में महिलाओं के साथ जो हुआ वह पूरा तरह अस्वीकार्य है। सरकार इस पर तुरंत कार्रवाई करे।
कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार इस पर कार्रवाई नहीं करती है तो हम करेंगे।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सांप्रदायिक टकराव के क्षेत्र में महिलाओं को किसी चीज की तरह इस्तेमाल करना संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि घटना का जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह काफी परेशान करने वाला है। सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि हम सरकार को थोड़ा समय दे रहे हैं। अगर आगे जमीन पर कुछ नहीं होता है तो हम खुद कार्रवाई करेंगे। मणिपुर का वीडियो आत्मा को झकझोर देने वाला है।
मानसून सत्र में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने मणिपुर की घटना पर किया हंगामा---
संसद का मानसून सत्र आज सुबह 11 बजे से शुरू हो गया। कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने मणिपुर मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। इसके चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि मणिपुर की घटना को लेकर प्रधानमंत्री ने चुप्पी तोड़ी जो अच्छी बात है लेकिन मणिपुर में अब तक जो हुआ, जो लूट मची, मणिपुर जल रहा था, इतनी बर्बरता हुई थी तब प्रधानमंत्री ने चुप्पी क्यों साधी हुई थी?
गृह मंत्री चुप क्यों थे? इस घटना पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी के बाद प्रधानमंत्री ने अपना बयान दिया वे पहले क्यों चुप थे। वे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। हमारे देश में इस तरह की घटना घटित होना शर्म की बात है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं और बच्चों को झेलना पड़ता है।
कांग्रेस नेता अलका लांबा ने ट्वीट में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को टैग करते हुए कहा कि आप एक महिला होकर कैसे चुप रहकर यह सब देखती रह सकती हैं। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि प्रधानमंत्री को 2 महीने के बाद ख्याल आया कि वहां कूकी समुदाय के लोगों का नरसंहार हो रहा है। उन्होंने मजबूरी में प्रतिक्रिया दी है, क्योंकि वीडियो पूरी दुनिया में वायरल हो रहा है कि किस प्रकार से वहां महिलाओं को पुलिस की गिरफ्त से निकाल कर उनके साथ बर्बरता की गई।
दो महिलाओं को निर्वस्त्र करने के मामले में मणिपुर में फिर फैला तनाव--
मणिपुर इन दिनों जातीय हिंसा की चपेट में है, लेकिन अब एक वीडियो को लेकर मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में तनाव फैल गया है जिसमें दो महिलाओं को नग्न करके घुमाया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह वीडियो चार मई का है और दोनों महिलाएं कुकी समुदाय से हैं, वहीं जो लोग महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमा रहे हैं वो सभी मैतई समुदाय से हैं।
आदिवासी संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। यह घटना राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में 4 मई को हुई। वहीं इस मामले में पुलिस ने अभी तक किसी को गिरफ्तार भी नहीं किया गया है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं जो रो रही हैं और उनसे छोड़ने की गुहार लगा रही हैं।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि ये मानवता के खिलाफ अपराध है। मैंने पुलिस को सभी आरोपियों की तुरंत गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। बीरेन सिंह ने कहा कि कल रात करीब 1.30 बजे मुख्य अपराधी को गिरफ्तार कर लिया गया। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि वीडियो सामने आने के तुरंत बाद घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए मणिपुर पुलिस हरकत में आई और पहली गिरफ्तारी की गई। फिलहाल गहन जांच चल रही है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जिसमें मृत्युदंड की संभावना पर भी विचार किया जाएगा।
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