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जोशीमठ में धीमी गति से हो रहे भूस्खलन ने दो जनवरी की रात्रि तफ्तार पकड़ी। इसी बीच जेपी कंपनी की कॉलोनी के काफी भागों में पहाड़ी से भूरे पानी का रिसाव शुरू हो गया, जो आज भी प्रशासनिक अफसरों एवं साइंटिस्टों के लिए पहेली बना हुआ है। पिछले 23 दिनों में करीब 2 करोड़ 21 लाख 40 हजार लीटर पानी जमीन के अंदर रिस चुका है। पानी इतना है कि एक झील बन जाए।

इस प्रकरण में एक मर्तबा सरकार को रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है, मगर संतुष्ट नहीं होने पर साइंटिस्टों से फिर से जांच के लिए कहा गया है। वहीं, दूसरी ओर अन्य साइंटिस्ट संगठन भी पानी के स्रोत को ढूंढने के साथ ही इसके रिसाव की वजहों को जानने में लगी हैं।

आपको बता दें कि पानी मारवाड़ी की ओर उतर गया है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि जेपी कॉलोनी में ही ऊपरी हिस्सा का पानी निकल रहा है। वर्षा होने पर इसके बहाव में बढ़ोतरी इस आशंका को बल दे रही है। मगर यह शुरूवाती आकलन है। फाइनल रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में कुछ बताया जा सकता है।

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