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Up Kiran, Digital Desk: 2025 की एक गर्मी जो आमतौर पर पहलगाम की वादियों में सैलानियों की हँसी-खुशी और देवदार के पेड़ों से उठती ठंडी हवा की कहानियों से भरी होती है इस बार खून से लाल हो गई। बैसरन घाटी जिसे ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ कहा जाता है उस दिन एक आतंकवादी हमले की गवाह बनी जिसने पूरे देश की आत्मा को झकझोर दिया।
धर्म पूछकर की गई हत्या ये शब्द जब पहली बार न्यूज़ फ्लैश में आए तो जैसे हर भारतीय का दिल कांप उठा। निर्दोष पर्यटकों को सिर्फ उनकी पहचान के आधार पर निशाना बनाना पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का वो चेहरा था जो पूरी दुनिया के सामने नंगा हो चुका था। मगर इस बार भारत ने सिर्फ निंदा नहीं की। इस बार जवाब गोलियों से दिया गया नाम था ‘ऑपरेशन सिंदूर’।
क्या था ऑपरेशन सिंदूर
बिना किसी शोर के बिना किसी प्रचार के भारतीय सशस्त्र बलों ने एक ऐसा सैन्य अभियान चलाया जो आने वाले वर्षों तक दुनिया के सैन्य दस्तावेजों में उदाहरण बनकर पढ़ाया जाएगा।
9 आतंकी ठिकाने ध्वस्त।
11 पाकिस्तानी एयरबेस निशाने पर।
नूर खान एयरबेस खंडहर में तब्दील।
इंडियन आर्म्ड फोर्सेज ने जिस तरह तालमेल और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया वह न सिर्फ पाकिस्तान के लिए बल्कि चीन जैसे देशों के लिए भी एक करारा संदेश था।
धर्म के नाम पर कत्ल और भारत की निर्णायक प्रतिक्रिया
बैसरन घाटी की वह शाम आज भी देश की यादों में खून से सनी हुई है। जब आतंकवादियों ने गाइड से पूछकर हिंदू पर्यटकों को गोलियों से भून दिया तो यह सिर्फ मानवता का नहीं बल्कि सभ्यता पर हमला था।
भारत ने इस बार सीमा के पार जाकर जवाब दिया। ‘स्ट्रैटेजिक साइलेंस’ की जगह ‘कोऑर्डिनेटेड रिटैलिएशन’ ने ली।
चीन के हथियारों की पोल खुली!
सबसे दिलचस्प पहलू यह था कि पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन में चीनी हथियारों का भारी उपयोग किया। चाहे चाइना मेड रडार सिस्टम हो या मिसाइल और एंटी-एयर डिफेंस भारत ने इन सभी को जाम किया और वो भी अपने स्वदेशी तकनीक से।
यह एक बड़ा झटका था खासकर चीन के लिए। दुनिया में हथियारों का बाजार सिर्फ ताकत नहीं भरोसे पर चलता है। और अब जब ऑपरेशन सिंदूर ने इन हथियारों की असलियत खोल दी है तो इसका असर ग्लोबल डिफेंस मार्केट पर साफ नजर आने लगा है।
अमेरिकी वॉर एक्सपर्ट भी हुए भारत के मुरीद
जॉन स्पेंसर जो अमेरिका में अर्बन वॉरफेयर स्टडीज के चेयरमैन हैं उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर एक विस्तृत पोस्ट में भारत की सराहना करते हुए लिखा कि “ऑपरेशन सिंदूर आधुनिक युद्ध रणनीति का मास्टरक्लास है।”
उन्होंने भारत के एलसीए तेजस स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और AI-सक्षम कमांड कंट्रोल नेटवर्क की जमकर तारीफ की। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि चीनी हथियारों की कमजोरी अब वैश्विक मंच पर उजागर हो चुकी है।
कूटनीतिक संदेश भी स्पष्ट
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को जब सीज़फायर की भीख मांगते हुए देखा गया तो दुनिया ने समझ लिया कि भारत अब 90 के दशक वाला देश नहीं रहा। यह न्यू इंडिया है जो नरसंहार का जवाब ‘संहार’ से देता है।
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