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Up Kiran, Digital Desk: पिछले हफ्ते चीन और पाकिस्तान के टॉप मिलिट्री अधिकारियों की गुप्त बैठक ने एक नए खतरे की घंटी बजा दी है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि चीन जल्द ही पाकिस्तान को J-35A स्टील्थ फाइटर जेट सौंप सकता है – वही फाइटर जिसे चीन ने अमेरिकी F-35 लाइटनिंग II के जवाब में तैयार किया है। इसके साथ ही पाकिस्तान को चीन के 30 सैटेलाइट्स वाले मिलिट्री नेटवर्क से जोड़ने की भी इजाजत मिल गई है, जो एक बड़े डिफेंस नेटवर्क की नींव है। अब सवाल ये है कि क्या भारत इस चुनौती के लिए तैयार है
J-35A पाकिस्तान के लिए गेमचेंजर
FC-31 नाम से भी जाना जाने वाला J-35A फिफ्थ जेनरेशन स्टील्थ फाइटर है। इसकी खूबी है – रडार को चकमा देने वाली डिज़ाइन, इंटरनल हथियार बे, AESA रडार और लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइल और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्षमता।
ये फाइटर भारत के Su-30MKI, राफेल और मिराज-2000 के लिए एक सीधी चुनौती पेश करता है, खासकर जब पाकिस्तान इसे चीन के नेटवर्क से जोड़कर इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा हो।
भारत की प्रतिक्रिया, स्टील्थ का जवाब स्टील्थ से नहीं साइंस से
भारत की प्रतिक्रिया इस बार बिल्कुल अलग है। जहां एक तरफ पाकिस्तान चीनी कर्ज से हाई-एंड स्टील्थ फाइटर खरीद रहा है, वहीं भारत ने अरबों डॉलर खर्च करने की बजाय एक वैज्ञानिक रणनीति अपनाई है – VHF-बैंड एंटी-स्टील्थ रडार।
इस रडार को DRDO और BEL ने मिलकर बनाया है और ये एक मोबाइल प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जिससे इसे युद्ध के हालात में तुरंत तैनात किया जा सकता है।
VHF-बैंड रडार: स्टील्थ का अंत
VHF (Very High Frequency) बैंड रडार पारंपरिक S, C या X-बैंड से अलग होता है। इसकी तरंगें लंबी होती हैं, जिससे स्टील्थ फाइटर जेट की बड़ी सतहों से टकराकर सिग्नल रिफ्लेक्ट हो जाता है। ये रडार सिर्फ J-35A की लो-ऑब्ज़र्वेबल डिज़ाइन को ट्रैक नहीं करता बल्कि SAMs को लक्ष्य की पूर्व सूचना देकर हमला करने में सक्षम बनाता है।
भारत की तैयारी क्या
भारत पहले से ही अपने AMCA फिफ्थ जनरेशन फाइटर प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। दो बड़े फिफ्थ जनरेशन प्रोजेक्ट आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं हैं। स्टील्थ की रेस में शामिल होने की बजाय उसे बेअसर करना ज्यादा समझदारी भरा कदम है।
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