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भारत की भूमि दो भागों में बंट रही है और इसलिए यहां कभी भी विनाशकारी भूकंप आ सकता है। अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भारतीय प्लेट दो भागों में विभाजित हो रही है और इससे देश का पूरा भूगोल बदलने और इसे नया आकार देने की संभावना है।

इस अध्ययन के मुताबिक, भारतीय प्लेट लगभग 60 मिलियन वर्षों से यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है। भारतीय प्लेट विघटन की एक नई प्रक्रिया से गुजर रही है। इस प्रक्रिया में भारतीय प्लेट का सघन भाग पृथ्वी के कोर में समाहित हो रहा है। इसलिए प्लेट अंदर से टूट रही है।

विघटन की ये प्रक्रिया प्लेट की स्थिरता को प्रभावित कर रही है। इसलिए इस क्षेत्र में भूकंप का खतरा बढ़ गया है। यूट्रेक्ट विश्वविद्यालय के भूविज्ञानी डोव हिंसबर्गेन के अनुसार, अंदर से टेक्टोनिक बदलावों को संचालित करने वाली प्रक्रियाएं तेजी से बदल रही हैं। इन्हें समझना भी बहुत कठिन है।

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के भूभौतिकीविद् साइमन क्लेम्परर ने कहा कि हिमालय के उच्च संपीड़न वाले क्षेत्रों में टेक्टोनिक प्लेटों में दरारें अक्सर देखी जाती हैं। ये दरारें पृथ्वी की सतह पर तनाव पैदा कर सकती हैं, जिससे भूकंप का खतरा बढ़ सकता है।

विघटन प्रक्रिया से इस क्षेत्र पर दबाव बहुत अधिक बढ़ सकता है। इसलिए बार-बार तीव्र भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस प्रक्रिया से तिब्बती पठार पर दरारें पड़ सकती हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, ये प्लेट के दो भागों में विभाजित होने की प्रक्रिया के प्रारंभिक संकेत हैं। इस पर आगे और शोध की आवश्यकता होगी। इस प्रक्रिया के दीर्घकालिक प्रभावों को समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।