img

Up Kiran, Digital Desk: पवित्र अमरनाथ यात्रा, जो हर साल हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है, एक बार फिर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ शुरू होने जा रही है। भारतीय सेना ने 2025 की यात्रा के लिए 'ऑपरेशन शिवा' नाम से एक व्यापक सुरक्षा अभियान चलाया है, जिसमें आधुनिक तकनीक और हजारों जवानों की तैनाती की गई है ताकि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और किसी भी प्रकार के खतरे को बेअसर किया जा सके।

बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती: सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए लगभग 8,500 भारतीय सेना के जवानों को यात्रा मार्गों पर तैनात किया गया है। ये जवान विशेष रूप से पहलगाम और बालटाल जैसे संवेदनशील मार्गों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। सेना के अलावा, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 4,500 जवान, जम्मू-कश्मीर पुलिस (J&K Police) के 10,000 से अधिक कर्मी और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 500 जवान भी इस सुरक्षा घेरे को मजबूत करेंगे। कुल मिलाकर, 23,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी इस यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने में जुटे हुए हैं।

आधुनिक तकनीक का प्रयोग: सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए हाई-टेक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें शामिल हैं:

ड्रोन (Drones): पूरे यात्रा मार्ग की हवाई निगरानी के लिए आधुनिक ड्रोनों का उपयोग किया जाएगा।

सीसीटीवी कैमरे (CCTV Cameras): संवेदनशील स्थानों और शिविरों में सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया गया है ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके।

एंटी-ड्रोन सिस्टम (Anti-Drone Systems): किसी भी शत्रुतापूर्ण ड्रोन गतिविधि को रोकने के लिए विशेष एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाए गए हैं।

आरएफआईडी ट्रैकिंग (RFID Tracking): सभी तीर्थयात्रियों को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग दिए जाएंगे, जिससे उनकी हर समय लोकेशन ट्रैक की जा सकेगी, जिससे वे भटकने या लापता होने की स्थिति में आसानी से मिल सकें।

फेस रिकॉग्निशन (Face Recognition): तीर्थयात्रियों की पहचान और किसी संदिग्ध व्यक्ति पर नजर रखने के लिए फेस रिकॉग्निशन तकनीक का भी उपयोग किया जाएगा।

संवेदनशील क्षेत्र और सुरक्षा की आवश्यकता: जम्मू-कश्मीर में मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों और अतीत में हुए कुछ आतंकवादी हमलों को देखते हुए, यह सुरक्षा घेरा अत्यंत महत्वपूर्ण है। पवित्र अमरनाथ गुफा, जो हिमालय की ऊंचाई पर स्थित है, तक पहुंचने के लिए तीर्थयात्री अनंतनाग जिले में पहलगाम और गांदरबल जिले में बालटाल से यात्रा करते हैं। ये दोनों मार्ग चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों वाले हैं और सुरक्षा बलों को इन पर चौबीसों घंटे कड़ी निगरानी रखनी पड़ती है।

--Advertisement--