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Up Kiran, Digital Desk: यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया, जो यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की हत्या के मामले में दोषी ठहराई गई थीं, को 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी। इस मामले से जुड़ी जानकारी साझा करते हुए, एक सामाजिक कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम बास्करन ने बताया कि अब्दो मेहदी के परिवार और यमन के सरकारी अधिकारियों के बीच हुई वार्ता के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। बास्करन ने यह भी कहा कि जेल प्रशासन ने उन्हें निमिषा की फांसी की तारीख की पुष्टि की है, जबकि अभी भी मामले के समाधान के लिए बातचीत जारी है।

क्या तलाल के परिवार से समझौता हो सकता है?

हालांकि फांसी की तारीख तय हो गई है, फिर भी निमिषा के समर्थक यमनी परिवार से इस मामले में कुछ समझौता करने की उम्मीद लगाए हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, तलाल के परिवार को 10 लाख डॉलर की आर्थिक मदद का प्रस्ताव दिया गया था, और इस रकम की व्यवस्था के लिए अब स्पॉन्सर्स से सहायता ली जा रही है। साथ ही, खबरें यह भी हैं कि भारत सरकार इस मामले में हस्तक्षेप कर सकती है और निमिषा की जान बचाने के लिए अपनी कोशिशें तेज कर सकती है। हालांकि, अब तक इस पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

निमिषा का व्यक्तिगत बैकग्राउंड और मामला

निमिषा प्रिया केरल राज्य के पलक्कड़ जिले की निवासी हैं। उनकी मां प्रेमा कुमारी एक घरेलू कामकाजी महिला हैं। निमिषा ने कई वर्षों तक यमन में नर्स के तौर पर काम किया और यमन में उनकी एक क्लीनिक भी थी। वर्ष 2017 में उन्हें यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की हत्या का आरोप लगा था। रिपोर्ट्स के अनुसार, मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न के कारण निमिषा ने तलाल को जान से मारने का कदम उठाया था, जो कि उनके साथ मिलकर क्लीनिक चलाता था।

निमिषा की सजा की पुष्टि और सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

यमन की निचली अदालत ने पहले निमिषा प्रिया को मृत्युदंड सुनाया था। इसके बाद, यमन के सर्वोच्च न्यायालय ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा, जिससे उनकी सजा पर कोई असर नहीं पड़ा। यमन के राष्ट्रपति राशद अल आलिमी ने भी इस फैसले को मंजूरी दी। इस सजा को पलटने का एक ही रास्ता था – यदि तलाल का परिवार उनसे वित्तीय मुआवजे के बदले निमिषा को माफ कर देता, तो उनकी फांसी रुक सकती थी।

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