
Up Kiran, Digital Desk: एक तरफ जहाँ हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान अपनी खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए आज भी विदेशी मदद (बेलआउट पैकेज) पर निर्भर है, वहीं दूसरी ओर भारत अपनी आर्थिक ताकत को और मजबूत करने में लगा हुआ है। खासकर पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जब दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है, तो उनकी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना भी होने लगी है। कहा जा रहा है कि जहाँ पाकिस्तान आतंक को पनाह देने में व्यस्त है, वहीं भारत अपनी अर्थव्यवस्था को सोने की तरह चमकाने में जुटा है।
RBI ने की सोने की बंपर खरीदारी!
खबर है कि भारत के केंद्रीय बैंक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI), ने वित्त वर्ष 2025 में जमकर सोने की खरीदारी की है। RBI ने इस दौरान करीब 58 मीट्रिक टन सोना खरीदा है! इस खरीदारी के बाद भारत का कुल सोने का भंडार बढ़कर 879.6 टन हो गया है। यह पिछले 7 सालों में RBI द्वारा की गई दूसरी सबसे बड़ी सालाना सोने की खरीद है।
सोना क्यों है इतना खास?
सोना हमेशा से ही सबसे भरोसेमंद संपत्ति माना जाता रहा है। किसी भी देश की आर्थिक मजबूती काफी हद तक उसके सोने के भंडार पर निर्भर करती है। कागजी नोटों (मुद्रा) की कीमत तो कई वजहों से घट-बढ़ सकती है, लेकिन सोने की कीमत आमतौर पर स्थिर रहती है और इसे पूरी दुनिया में मान्यता प्राप्त है। इसीलिए सोने को हमेशा 'सेफ हेवन' यानी मुसीबत के समय काम आने वाली चीज के रूप में देखा जाता है। आम लोग तो सोना खरीदते ही हैं, अब RBI भी अपना सोने का खजाना बढ़ा रहा है।
विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़ी
RBI की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 के अंत में भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार थोड़ा घटकर 668.33 अरब डॉलर रह गया (सितंबर 2024 में यह 705.78 अरब डॉलर था)। लेकिन, इस गिरावट के बावजूद, विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी 9.32% से बढ़कर 11.70% हो गई है। यह दिखाता है कि RBI सोने पर कितना भरोसा कर रहा है।
RBI की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2025 तक भारत के कुल 879.59 टन सोने में से 511.99 टन सोना भारत में ही रखा गया है। वहीं, 348.62 टन सोना इंग्लैंड के 'बैंक ऑफ इंग्लैंड' और 'बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS)' में सुरक्षित रखा गया है, जबकि 18.98 टन सोना गोल्ड डिपॉजिट के रूप में है। खास बात यह है कि भारत ने यह खरीदारी ऐसे समय में की है, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में 30% की भारी तेजी देखने को मिली है।
RBI सोना क्यों खरीद रहा है?
RBI द्वारा सोने की यह खरीदारी दुनिया भर में चल रही आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी डॉलर की स्थिति को ध्यान में रखते हुए की गई है। आजकल दुनिया भर के कई केंद्रीय बैंक अमेरिकी डॉलर की अस्थिरता और पश्चिमी देशों के आर्थिक दबावों के कारण अपने खजाने में सोने का हिस्सा बढ़ा रहे हैं। भारत भी इसी रास्ते पर चल रहा है ताकि उसका विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत और संतुलित रहे। सोने का भंडार ज्यादा होने से देश की अर्थव्यवस्था को सुरक्षित रखना आसान होता है और विदेशी मुद्रा भंडार को भी संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है।
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