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Up Kiran, Digital Desk:  'शार्क टैंक इंडिया' फेम पीयूष बंसल की कंपनी लेंसकार्ट सॉल्यूशंस (Lenskart Solutions) के शेयरों की आज यानी 10 नवंबर, 2025 को शेयर बाजार में लिस्टिंग हो गई है। हालांकि, जिन निवेशकों को बंपर लिस्टिंग गेन की उम्मीद थी, उन्हें निराशा हाथ लगी। मजबूत सब्सक्रिप्शन के बावजूद, लेंसकार्ट के शेयर इश्यू प्राइस से डिस्काउंट पर लिस्ट हुए।

आज सुबह 10 बजे लेंसकार्ट के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 2.99% के डिस्काउंट के साथ 390 रुपये पर लिस्ट हुए।वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर यह 1.74% की गिरावट के साथ 395 रुपये पर खुला।कंपनी ने अपने आईपीओ के लिए 402 रुपये का इश्यू प्राइस तय किया था।

लिस्टिंग के बाद शेयर में दिखी रिकवरी

हालांकि, कमजोर शुरुआत के बाद शेयर में कुछ रिकवरी देखने को मिली और यह अपने इश्यू प्राइस से ऊपर 404.80 रुपये तक भी पहुंचा। दिन के कारोबार में शेयर में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया, जहां यह लिस्टिंग के बाद 11% तक फिसल गया था।

क्यों फीकी रही लिस्टिंग?

लेंसकार्ट का आईपीओ 31 अक्टूबर से 4 नवंबर के बीच खुला था और इसे निवेशकों का शानदार रिस्पॉन्स मिला था। कुल मिलाकर यह इश्यू 28 गुना से ज्यादा सब्सक्राइब हुआ था। इसके बावजूद, लिस्टिंग के ठीक पहले ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में भारी गिरावट देखने को मिली, जिसने कमजोर लिस्टिंग के संकेत दे दिए थे। एक समय पर 100 रुपये से ऊपर चल रहा GMP, लिस्टिंग से पहले गिरकर सिर्फ 10 रुपये रह गया था। बाजार के जानकारों का मानना है कि कंपनी के महंगे वैल्यूएशन को लेकर निवेशकों की चिंता के कारण लिस्टिंग फीकी रही।

लिस्टिंग पर क्या बोले CEO पीयूष बंसल?

लिस्टिंग से पहले और लिस्टिंग समारोह के दौरान, लेंसकार्ट के को-फाउंडर और सीईओ पीयूष बंसल ने कहा कि कंपनी बनाने का मकसद कभी भी वैल्यूएशन हासिल करना नहीं था, बल्कि भारत में लोगों को बेहतर दृष्टि देना था।उन्होंने एक इमोशनल नोट में लिखा कि यह लिस्टिंग एक अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है, 'डे जीरो' है।

अब निवेशकों को क्या करना चाहिए?

बाजार विशेषज्ञों की इस पर मिली-जुली राय है। कुछ एनालिस्ट्स का मानना है कि कंपनी का बिजनेस मॉडल मजबूत है और लंबी अवधि के निवेशक इसमें बने रह सकते हैं। वहीं, कुछ का कहना है कि ऊंचे वैल्यूएशन के कारण निकट भविष्य में शेयर पर दबाव रह सकता है। एक्सपर्ट्स ने सलाह दी है कि जिन निवेशकों को शेयर अलॉट हुए हैं, वे 350 रुपये के स्टॉप लॉस के साथ इसे होल्ड कर सकते हैं, जबकि शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स चाहें तो निकलकर बेहतर मौके तलाश सकते हैं।