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Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में मध्य पूर्व में इज़रायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बाद एक राहत भरी खबर आई है। दोनों देशों के बीच एक अस्थिर और अस्थायी युद्धविराम पर सहमति बन गई है। हालांकि, यह युद्धविराम शुरुआत में कई बार डगमगाया और इसे लागू करने में काफी मुश्किलें आईं, लेकिन फिलहाल इसने क्षेत्र में बड़ी अशांति को टालने में मदद की है।

पिछले कुछ समय से ईरान और इज़रायल एक-दूसरे पर सीधे हमले कर रहे थे, जिससे पूरे मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा मंडरा रहा था। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका, ने इस तनाव को कम करने के लिए गहन कूटनीतिक प्रयास किए। इन प्रयासों का ही नतीजा है कि दोनों पक्ष अस्थायी रूप से अपने हमलों को रोकने पर सहमत हुए हैं।

यह युद्धविराम कितना लंबा चलेगा, इस पर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। दोनों पक्षों के बीच गहरे अविश्वास और पुरानी दुश्मनी के कारण थोड़ी सी चिंगारी भी इसे फिर से भड़का सकती है। मध्य पूर्व के संवेदनशील भू-राजनीतिक परिदृश्य में शांति बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि यहां कई अन्य क्षेत्रीय और वैश्विक शक्तियां भी अपने हितों के साथ जुड़ी हुई हैं।

फिलहाल, इस अस्थायी विराम ने दुनिया को एक बड़ी आपदा से बचने का मौका दिया है। लेकिन यह स्पष्ट है कि इस क्षेत्र में वास्तविक और स्थायी शांति के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना होगा। हालात पर लगातार नज़र रखना बेहद ज़रूरी है ताकि किसी भी नई अप्रत्याशित घटना से बचा जा सके और शांति के प्रयासों को जारी रखा जा सके।

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