
Up Kiran, Digital Desk: जब हम फल ख़रीदते हैं, तो यही सोचते हैं कि हम प्रकृति का सबसे सेहतमंद तोहफ़ा घर ला रहे हैं. लेकिन क्या हो, अगर यही सेहतमंद फल आपकी सेहत के लिए एक छिपा हुआ ख़तरा बन जाए? आजकल भारतीय बाज़ारों में फलों को जल्दी पकाने और उन्हें ज़्यादा आकर्षक दिखाने के लिए जिस तरह से केमिकल्स का इस्तेमाल हो रहा है, वह बेहद चिंताजनक है.
कैल्शियम कार्बाइड: एक सस्ता और ज़हरीला केमिकल
व्यापारी, फलों को जल्दी पकाने और उनका रंग अच्छा दिखाने के चक्कर में, कैल्शियम कार्बाइड (Calcium Carbide) नाम के एक सस्ते और ज़हरीले केमिकल का अंधाधुंध इस्तेमाल कर रहे हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस केमिकल पर भारत में खाद्य कानूनों (PFA Rules, 1955 और FSSAI Regulations, 2011) के तहत सख़्त पाबंदी है.
डॉ. एम. सुरेश बाबू ने चेतावनी दी है कि यह गैरकानूनी काम कई जगहों पर बिना किसी रोक-टोक के चल रहा है, जिससे आम लोगों की सेहत पर गंभीर ख़तरा मंडरा रहा है.
कैसे काम करता है यह ज़हर: डॉ. सुरेश बाबू ने समझाया कि कैल्शियम कार्बाइड पानी के संपर्क में आने पर एसिटिलीन (acetylene) गैस बनाता है, जो फलों में प्राकृतिक रूप से पकने वाले हार्मोन (ethylene) की नकल करती है. लेकिन इस केमिकल में अक्सर आर्सेनिक (arsenic) और फास्फोरस हाइड्राइड (phosphorous hydride) जैसे बेहद ज़हरीले तत्व भी होते हैं.
वे कहते हैं, "ये फल बाहर से तो बहुत चमकदार और आकर्षक दिख सकते हैं, लेकिन अंदर से वे कच्चे, बेस्वाद और पोषक तत्वों से हीन होते हैं." आम, केला, पपीता और चीकू जैसे फल इससे सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं. केमिकल से पकाए गए ये फल जल्दी ख़राब भी हो जाते हैं और अपनी असली ख़ुशबू खो देते हैं.
सेहत पर क्या होता है असर: डॉ. सुरेश बाबू ने आगाह किया कि ऐसे फलों को लगातार खाने से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं:
उल्टी और दस्त
सीने में दर्द
आंखों और त्वचा में जलन
चक्कर आना और दिमागी सूजन जैसी गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्याएं
क्या कहता है कानून: खाद्य सुरक्षा और मानक विनियम (Food Safety and Standards Regulations) के तहत एसिटिलीन गैस का उपयोग फलों को पकाने के लिए सख़्ती से मना है. इस नियम को तोड़ने वालों पर, अपराध की गंभीरता के आधार पर, 5 लाख रुपये तक का जुर्माना और आजीवन कारावास तक की सज़ा हो सकती है.
हम और आप क्या कर सकते हैं: डॉक्टर ने अधिकारियों और आम जनता, दोनों से ज़िम्मेदार बनने की अपील की है. उन्होंने सलाह दी:
"उपभोक्ताओं को फलों को इस्तेमाल करने से पहले अच्छी तरह धोना चाहिए. जहां तक संभव हो, छीलकर खाएं. और अगर आपको कहीं भी फलों को केमिकल से पकाने का शक हो, तो तुरंत स्थानीय खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को इसकी सूचना दें."
कैल्शियम कार्बाइड से फलों को पकाना सिर्फ़ एक गैर-कानूनी कारोबारी तरीका नहीं, बल्कि यह लोगों की सेहत के साथ एक बड़ा खिलवाड़ है. यह हम सब की ज़िम्मेदारी है व्यापारी, अधिकारी और ग्राहक कि हम जागरूक रहें ताकि फलों की मिठास प्रकृति का उपहार बनी रहे, न कि ज़हर का एक डोज़.