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Up Kiran, Digital Desk: गाज़ा पट्टी में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। स्थानीय फिलिस्तीनी आबादी और इज़राइली बंधक दोनों ही सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं क्योंकि खबरें हैं कि इज़राइली नेतृत्व गाज़ा शहर पर संपूर्ण नियंत्रण स्थापित करने की योजना पर गंभीरता से आगे बढ़ रहा है।

पिछले लगभग दो वर्षों से जारी इज़राइल-हमास संघर्ष में हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। गाज़ा का बड़ा हिस्सा अब खंडहर में तब्दील हो चुका है, और बड़ी संख्या में नागरिक अपने घर-बार छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं।

जमीन पर नियंत्रण की योजना, लेकिन तारीख तय नहीं

एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यह अभियान चरणबद्ध तरीके से अंजाम दिया जाएगा। हालांकि, इसके आरंभ की कोई निश्चित तारीख घोषित नहीं की गई है। माना जा रहा है कि इस ऑपरेशन में हजारों अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की जा सकती है और इससे बड़ी संख्या में आम नागरिकों को फिर से विस्थापन झेलना पड़ सकता है। इससे पहले से जारी मानवीय संकट और अधिक गहराने की आशंका है।

संयुक्त राष्ट्र में चर्चा की तैयारी

इज़राइल की इस नई रणनीति को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बेचैनी है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अब इस मुद्दे पर एक आपातकालीन बैठक बुला रही है। पहले यह बैठक शनिवार को होनी थी, लेकिन अब इसे रविवार के लिए टाल दिया गया है। हालांकि, तारीख में हुए इस बदलाव की कोई आधिकारिक वजह नहीं बताई गई है। संभावना जताई जा रही है कि इज़राइल इस बैठक में हिस्सा ले सकता है और अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकता है।

मध्यस्थता के प्रयास जारी

इधर, मिस्र और कतर ने युद्धविराम के लिए एक नया प्रस्ताव तैयार करने की दिशा में पहल की है। जानकारी के अनुसार, इस समझौते के तहत इज़राइली सैनिकों की वापसी और गाज़ा में सैन्य कार्रवाई को पूरी तरह रोकने के बदले, सभी बंधकों — चाहे वे जीवित हों या मृत — को रिहा करने की बात शामिल है।

नेतन्याहू की रणनीति और वैश्विक प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक साक्षात्कार में यह स्पष्ट कर दिया है कि इज़राइल का उद्देश्य पूरे गाज़ा क्षेत्र पर नियंत्रण हासिल करना है। मौजूदा हालात में इज़राइली सेना पहले ही लगभग 75% क्षेत्र में मौजूद है।

हालांकि, हमास ने इज़राइल की इस योजना को सिरे से खारिज कर दिया है। संगठन का कहना है कि "फिलिस्तीनी जनता के खिलाफ इस तरह की आक्रामक कार्रवाई को अंजाम देना इतना आसान नहीं होगा।"