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Up Kiran, Digital Desk: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 26 अगस्त को हुए विनाशकारी भूस्खलन ने पूरे देश को झकझोर दिया है। हादसे में अब तक 34 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों में राजस्थान के चार युवक भी शामिल हैं। सबसे दर्दनाक खबर यह है कि धौलपुर जिले के तीन युवक अभी तक लापता हैं, जिनका कोई सुराग नहीं लग पाया है।

सुजानगढ़ में मातम, दो भाइयों समेत चार की मौत

राजस्थान के चूरू जिले के सुजानगढ़ कस्बे में मातम पसरा हुआ है। यहां के चार युवकों ने इस आपदा में जान गंवाई। मृतकों में दो सगे भाई अनिल सोनी और अरविंद सोनी शामिल हैं, उनके साथ गजानंद सोनी (सुजानगढ़) और नागौर के संदीप सोनी की भी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि हादसे से कुछ ही देर पहले इन युवकों ने परिवार से फोन पर बातचीत की थी। किसी ने नहीं सोचा था कि वही उनका अंतिम संवाद होगा। अब परिवारजन शव लेने जम्मू रवाना हो चुके हैं।

धौलपुर के तीन युवा लापता, दो ने तैरकर बचाई जान

धौलपुर जिले के सैंपऊ कस्बे से पाँच दोस्त 23 अगस्त को वैष्णो देवी के दर्शन के लिए निकले थे। लौटते समय किशनपुर-डोमेल रोड के पास अचानक भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में वे फंस गए। इस दौरान आदित्य परमार और दीपक मित्तल ने किसी तरह तैरकर अपनी जान बचा ली। लेकिन उनके साथी यश गर्ग, प्रांशु मित्तल और शिव बंसल अब भी लापता हैं। तीन दिन बीत जाने के बावजूद उनका अता-पता नहीं चल पाया है।

परिवारों का गुस्सा, प्रशासन पर सवाल

लापता यश गर्ग के ताऊ कुंज बिहारी गर्ग ने खुलकर नाराजगी जताई। उनका कहना है कि अब तक धौलपुर प्रशासन ने एक बार भी परिवारों से सम्पर्क नहीं किया। उन्होंने कहा कि “जम्मू में हालात आपदा जैसे हैं, लेकिन कम से कम ज़िला प्रशासन को पीड़ित परिवारों का दुख-दर्द साझा करना चाहिए था।”

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सैंपऊ के एसडीएम कर्मवीर सिंह ने कहा कि वे लगातार जम्मू पुलिस और प्रशासन के सम्पर्क में हैं और हर संभव मदद की कोशिश की जा रही है।