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Up Kiran, Digital Desk: क्रिकेट की दुनिया में जब महान बल्लेबाज़ों की चर्चा होती है, तो अब जो रूट का नाम भी उसी सूची में मजबूती से जगह बना चुका है। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने हाल के वर्षों में जिस तरह का निरंतर प्रदर्शन दिखाया है, उसने उन्हें टेस्ट क्रिकेट के दिग्गजों की कतार में खड़ा कर दिया है। कप्तानी छोड़ने के बाद, जहां कई खिलाड़ी दबाव में बिखर जाते हैं, वहीं रूट का बल्ला और ज़्यादा धारदार होता गया है।

अब रूट एक ऐसे मोड़ पर हैं, जहां वे दक्षिण अफ्रीका के जैक्स कैलिस और भारत के राहुल द्रविड़ जैसे क्लासिकल बल्लेबाज़ों के रनों के रिकॉर्ड को पार करने की कगार पर हैं। फिलहाल रूट के नाम 13259 टेस्ट रन दर्ज हैं, और उन्हें तीसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बनने के लिए केवल 31 रनों की दरकार है। यह उपलब्धि उन्हें द्रविड़ और कैलिस से आगे ले जाएगी, जिनके नाम क्रमशः 13288 और 13289 रन हैं।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। मैनचेस्टर में भारत के खिलाफ अगला टेस्ट मैच उनके लिए एक बड़ा मौका साबित हो सकता है। अगर वह 119 रन और जोड़ लेते हैं, तो वह ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग (13378 रन) को भी पीछे छोड़ देंगे और टेस्ट इतिहास में केवल सचिन तेंदुलकर से पीछे रह जाएंगे। तेंदुलकर के 15921 रनों तक पहुँचना फिलहाल एक लंबी दौड़ है, लेकिन रूट की फॉर्म और फिटनेस देखकर यह कह पाना मुश्किल नहीं कि वह इस लक्ष्य को भी छू सकते हैं।

इस सीरीज़ में रूट की शुरुआत धीमी जरूर रही थी, लेकिन लॉर्ड्स में तीसरे टेस्ट में उन्होंने अपने आलोचकों को खामोश कर दिया। जब टीम दबाव में थी, तब उन्होंने एक ज़िम्मेदार शतक जड़कर इंग्लैंड को 22 रन से जीत दिलाई और सीरीज़ में 2-1 की बढ़त भी दिलवाई। यह प्रदर्शन सिर्फ रनों की बात नहीं करता, बल्कि बताता है कि वह बड़े मौकों पर कितने भरोसेमंद हैं।

इसके अलावा, रूट एक और बड़े रिकॉर्ड की ओर भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। सचिन तेंदुलकर के नाम टेस्ट क्रिकेट में 68 अर्धशतक दर्ज हैं, जबकि रूट के पास अभी 66 हाफ-सेंचुरीज़ हैं। अगर मौजूदा सीरीज़ में उनका बल्ला चलता रहा, तो वह इस आंकड़े को भी पार कर सकते हैं।

भारत के लिए यह खतरे की घंटी है। क्योंकि रूट आमतौर पर तब सबसे घातक साबित होते हैं, जब उन्हें शुरुआत मिल जाती है। उनका शांत चित्त, तकनीकी मजबूती और अनुभव भारतीय गेंदबाज़ों के लिए लगातार चुनौती पेश करते हैं। ऐसे में टीम इंडिया को उन्हें जल्दी रोकना होगा, वरना वे एक बार फिर सीरीज़ के नायक बन सकते हैं।

जो रूट का यह दौर न केवल इंग्लैंड क्रिकेट के लिए स्वर्णिम है, बल्कि क्रिकेट प्रेमियों के लिए भी एक ऐतिहासिक सफर है, जिसे देखने का मौका हर दिन नहीं मिलता।

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