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Up Kiran, Digital Desk: जोड़ों का दर्द अब सिर्फ उम्रदराज़ लोगों की समस्या नहीं रहा, बल्कि युवा भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं। यह दर्द कभी इतना बढ़ जाता है कि रोज़मर्रा की गतिविधियां भी कठिन हो जाती हैं। आमतौर पर लोग इसे आर्थराइटिस या चोट का नतीजा मानते हैं, लेकिन असल में हमारी कुछ जीवनशैली संबंधी आदतें भी इसके पीछे बड़ी वजह होती हैं।
सबसे पहले, गलत पोस्चर का असर गहरा होता है। लंबे समय तक झुककर बैठना या बिना हिले-डुले कुर्सी से चिपके रहना, रीढ़, कूल्हों और घुटनों पर अतिरिक्त दबाव डालता है। यही वजह है कि ऑफिस में काम करने वाले लोग अक्सर अकड़न और दर्द से परेशान रहते हैं।
इसके बाद वजन का असर है। अतिरिक्त चर्बी घुटनों और टखनों पर सीधा दबाव डालती है। परिणामस्वरूप, कार्टिलेज तेजी से घिसने लगता है और जोड़ों में सूजन व दर्द बढ़ जाता है। इसीलिए संतुलित वजन बनाए रखना बेहद ज़रूरी है।
जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी क्या
तीसरी बड़ी गलती है गलत जूते पहनना। ऊंची एड़ी या बिना सपोर्ट वाले चप्पल-जूतों से शरीर का संतुलन बिगड़ता है और जोड़ों पर अनावश्यक दबाव बढ़ता है। पैरों को सही सहारा देने वाले आरामदायक जूते पहनना जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
समस्या से बचाव के लिए कुछ सरल उपाय अपनाना आवश्यक है। सही पोस्चर बनाए रखें, हर घंटे कुछ मिनट ब्रेक लेकर शरीर को स्ट्रेच करें। नियमित योग और हल्का व्यायाम जोड़ों को मजबूत बनाते हैं। भोजन में ओमेगा-3 फैटी एसिड और कैल्शियम से भरपूर चीजें शामिल करें। अगर दर्द लगातार बना रहे तो डॉक्टर की सलाह लेना टालें नहीं।