Up Kiran, Digital Desk: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक स्वास्थ्य सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। वर्क प्रेशर, रिलेशनशिप इश्यूज और सोशल मीडिया का दबाव डिप्रेशन और एंग्जायटी को बढ़ावा दे रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, माइंडफुलनेस जैसी तकनीकें तनाव को 40% तक कम कर सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि माइंडफुलनेस – जो वर्तमान में जीने की कला है – इसका प्रभावी समाधान है। यह बौद्ध परंपरा से निकली है और अब वैश्विक स्तर पर अपनाई जा रही है।
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. अनिता शर्मा कहती हैं, "डिप्रेशन और एंग्जायटी के मामले भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं। माइंडफुलनेस से लोग अपने विचारों पर नियंत्रण पा सकते हैं।" आयुर्वेद में ध्यान सदियों से प्रचलित है, और भारत में हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, जो योग और माइंडफुलनेस को बढ़ावा देता है।
रोजाना अपनाएं ये आसान तरीके
माइंडफुलनेस को जीवन का हिस्सा बनाने के लिए छोटे कदम उठाएं:
- मेडिटेशन: रोज 10 मिनट सांस पर फोकस करें। 4 सेकंड सांस लें, 4 सेकंड होल्ड करें, 4 सेकंड छोड़ें। यह नर्वस सिस्टम को शांत करता है।
- ऐप्स का सहारा: Headspace या Calm जैसे ऐप्स गाइडेड मेडिटेशन प्रदान करते हैं।
- ग्रेटिट्यूड जर्नल: हर रात तीन अच्छी बातें नोट करें।
- बॉडी स्कैन: लेटकर शरीर के हर भाग पर ध्यान दें, तनाव वाली जगहों को रिलैक्स करें।
- माइंडफुल ईटिंग: खाना टीवी बंद करके चबाकर खाएं।
- प्रकृति और व्यायाम: रोज वॉक पर जाएं, प्रकृति देखें। सोशल मीडिया का समय सीमित करें।
- सोशल सपोर्ट: दोस्तों या परिवार से खुलकर बात करें।
- नींद: 7-8 घंटे की पूरी नींद लें। नेगेटिव विचारों को चैलेंज करें।
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