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Up Kiran, Digital Desk: भारत में हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण महीने सावन की शुरुआत शुक्रवार को हो गई है, और इस अवसर पर देशभर में शिव भक्तों का उमड़ा उत्साह साफ नजर आ रहा है। यह पवित्र महीना न सिर्फ पूजा-अर्चना और अनुष्ठानों के लिए जाना जाता है, बल्कि कांवड़ यात्रा जैसी धार्मिक गतिविधियों का भी सिलसिला शुरू हो चुका है। सावन के इस माह में भगवान शिव की पूजा से मनोकामनाएँ पूरी होने की मान्यता है, जिसके चलते शिव मंदिरों में भक्तों का भारी जमावड़ा देखा जा रहा है।

कांवड़ यात्रा की तैयारी और व्यवस्था

सावन की शुरुआत के साथ ही कांवड़ यात्रा ने भी अपना रुख पकड़ लिया है, जो 9 अगस्त तक जारी रहेगी। इस साल कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार से लगभग 4.5 करोड़ कांवड़ यात्री यात्रा करने की उम्मीद है। यात्रा के मार्गों पर सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम किए गए हैं, ताकि श्रद्धालु न केवल सहजता से यात्रा कर सकें, बल्कि उनका सुरक्षा सुनिश्चित किया जा सके।

गंगा घाटों पर सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र गंगाजल लेकर यात्रा पर निकल चुके हैं। हरिद्वार के प्रतिष्ठित हर की पौड़ी समेत अन्य स्थानों पर तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाते हुए मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं और पुलिस बल तैनात किए हैं।

कांवड़ मार्ग पर विशेष सावधानियाँ

इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर खास ध्यान रखा जा रहा है। कांवड़ मार्ग पर मांसाहारी भोजनालयों को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं, ताकि धार्मिक भावना का उल्लंघन न हो। इसके अलावा, सुरक्षा निरीक्षण के लिए नियमित जांच भी की जा रही है। गाजियाबाद में भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कांवड़ मार्ग पर मांस की दुकानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया कि ये दुकानें तुरंत बंद करवाई जाएं, अन्यथा सार्वजनिक विरोध का सामना करना पड़ेगा।

धार्मिक तनाव और सुरक्षा की चुनौतियाँ

उत्तर प्रदेश के मुरादनगर में कांवड़ यात्रा के मार्ग पर सुरक्षा को लेकर एक अलग विवाद उठ खड़ा हुआ। यहां हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं ने अपने पोस्टर लगाकर दावा किया कि वे कांवड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैनात हैं, ताकि यात्रा के दौरान किसी भी तरह के उत्पीड़न से श्रद्धालुओं को बचाया जा सके। इसके साथ ही, हरिद्वार में कांवड़ निर्माण को लेकर भी विवाद छिड़ गया है, जहां मुस्लिम कारीगरों ने इसका विरोध किया है।

हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में मुस्लिम कारीगरों द्वारा कांवड़ निर्माण पर विवाद सामने आया है, जिसे लेकर कई संतों और महंतों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की है। इस मामले पर राज्य सरकार ने अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है, लेकिन यह विवाद धार्मिक रूप से संवेदनशील बन चुका है।

प्रशासन का सहयोग और अनुशासन की अपील

दिल्ली पुलिस ने कांवड़ियों से आग्रह किया है कि वे केवल निर्धारित मार्गों का पालन करें, ताकि यात्रा बिना किसी विघ्न के सम्पन्न हो सके। पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त दिनेश कुमार गुप्ता ने आश्वासन दिया है कि कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। साथ ही, प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

सावन की धार्मिक महत्ता और भविष्य की तैयारी

सावन माह के दौरान होने वाले धार्मिक आयोजनों में विशेष रूप से 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि का आयोजन प्रमुख है, जिसके बाद भक्त गंगा जल चढ़ाने का सिलसिला जारी रखेंगे। पिछले साल कांवड़ यात्रा में 4 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया था, और इस साल यह संख्या बढ़ने की संभावना है। अधिकारियों को इस बढ़ी हुई संख्या के मद्देनज़र सुरक्षा और व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए और अधिक तैयारियाँ करनी होंगी।

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