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Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक में कांग्रेस की आंतरिक खींचतान से राज्य की जनता चिंतित हो रही है। भाजपा सतर्क दिख रही है लेकिन पूर्व मंत्री रमेश जरकिहोली का मानना है कि विपक्ष को सत्ता पलटने की साजिश से दूर रहना चाहिए। अगर डीके शिवकुमार भाजपा में शामिल होते हैं तो जरकिहोली अन्य रास्ते तलाशेंगे। इस बीच शिवकुमार के समर्थक विधायक दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से चर्चा के लिए जुटे हैं।

जनता की चिंता और राजनीतिक अस्थिरता

राजनीतिक अस्थिरता से आम लोगों को बार-बार चुनाव का सामना करना पड़ सकता है जो राज्य के विकास को प्रभावित करता है। जरकिहोली ने सुझाव दिया कि भाजपा को तटस्थ रहना चाहिए क्योंकि यह आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा कि सत्ता साझेदारी पर असमंजस से कुछ नेता मुख्यमंत्री बदलने की योजना बना रहे हैं। विपक्ष को धैर्य रखकर अगले चुनाव में बहुमत हासिल करने पर ध्यान देना चाहिए।

कांग्रेस सरकार का भविष्य और जनमत

कांग्रेस के पास फिलहाल जनादेश है इसलिए उसे अपना कार्यकाल पूरा करने का मौका मिलना चाहिए। जरकिहोली का कहना है कि बार-बार चुनाव राज्य हित में नहीं हैं। अगर सरकार अगले ढाई साल चली तो उसकी नीतियों से जनता असंतुष्ट हो सकती है और स्वाभाविक रूप से भाजपा की ओर रुख करेगी।

दिल्ली में विधायकों का जमावड़ा

शिवकुमार के पक्ष में विधायकों का एक और दल दिल्ली पहुंचा है जहां वे पार्टी आलाकमान से मुलाकात करेंगे। सूत्रों से पता चला कि कम से कम छह विधायक रविवार रात वहां पहुंचे। जल्द ही और विधायक मुख्यमंत्री पद के लिए शिवकुमार की दावेदारी को लेकर दिल्ली जा सकते हैं।

शिवकुमार की संभावनाएं और भाजपा का रुख

शिवकुमार के भाजपा में आने और सरकार बनाने की अफवाहों पर जरकिहोली ने कहा कि ऐसा होना मुश्किल है। लेकिन अगर ऐसा हुआ तो वे उन्हें नेता मानने से इनकार करेंगे और अन्य राजनीतिक दलों की ओर देखेंगे। जरकिहोली का मानना है कि शिवकुमार को कांग्रेस में पर्याप्त समर्थन नहीं मिला वरना वे पहले ही मुख्यमंत्री बन चुके होते।