
Up Kiran, Digital Desk: द वॉकिंग डेड (The Walking Dead) की प्रसिद्ध अभिनेत्री केली मैक (Kelley Mack) का 33 वर्ष की आयु में दुखद निधन हो गया है. 2 अगस्त को अपने गृह नगर सिनसिनाटी में ग्लियोमा (glioma) नामक गंभीर बीमारी से लंबी लड़ाई के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली. इस साल की शुरुआत में, केली मैक ने अपने इंस्टाग्राम (Instagram) फीड पर एक पोस्ट के माध्यम से खुलासा किया था कि उन्हें डिफ्यूज मिडलाइन ग्लियोमा (Diffuse Midline Glioma) का पता चला है. यह एस्ट्रासाइटोमा कैंसर (astrocytoma cancer) का एक दुर्लभ प्रकार है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है.
आँखों में आँसू भर देगा परिवार का भावुक संदेश: एक सितारे का अस्त!
केली के परिवार के सदस्यों ने उनके इंस्टाग्राम हैंडल पर उनके निधन की खबर साझा की. इस भावुक पोस्ट में लिखा था, "यह अपूरणीय दुख के साथ है कि हम अपनी प्यारी केली के निधन की घोषणा कर रहे हैं. एक इतनी उज्ज्वल, जोशीली रोशनी दूसरी दुनिया में चली गई है, जहाँ अंततः हम सभी को जाना है. केली का शनिवार शाम को अपनी प्यारी माँ, क्रिस्टन, और दृढ़ चाची, करेन, की उपस्थिति में शांतिपूर्वक निधन हो गया." पोस्ट में आगे कहा गया, "केली पहले से ही कई तितलियों के रूप में अपने प्रियजनों के पास आ चुकी हैं. उन्हें इतनी गहराई से याद किया जाएगा कि शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता."
यह खबर हॉलीवुड (Hollywood) और उनके प्रशंसकों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि केली ने अपनी अभिनय प्रतिभा से लाखों लोगों का दिल जीता था. उन्होंने 'द वॉकिंग डेड' के अलावा 'शिकागो मेड' (Chicago Med), '9-1-1' और 'मॉडर्न फैमिली' (Modern Family) जैसे कई लोकप्रिय शो में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई थीं.
ग्लियोमा: वह कैंसर जो धीरे-धीरे छीन लेता है ज़िंदगी! इसके लक्षण और उपचार, अब कोई छिपी बात नहीं!
केली मैक के दुखद निधन ने ग्लियोमा नामक इस रहस्यमयी बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ा दी है. आइए जानते हैं ग्लियोमा क्या है, इसके कारण क्या हैं और इसके लिए कौन से उपचार विकल्प उपलब्ध हैं.
ग्लियोमा क्या है? क्या यह ब्रेन ट्यूमर का एक नया रूप है?
मुंबई के ग्लेनएगल्स हॉस्पिटल, परेल में न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. पंकज अग्रवाल के अनुसार, ग्लियोमा (Glioma) एक प्रकार का ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumour) है जो ग्लियल कोशिकाओं (glial cells) में शुरू होता है. ये मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र या सीएनएस) में सहायक कोशिकाएं होती हैं. क्या आप जानते हैं? ग्लियोमा मस्तिष्क के सबसे सामान्य प्रकार के ट्यूमर (most common types of brain tumours) में से एक है और इसे समय पर ध्यान देने की आवश्यकता है. यह न केवल मस्तिष्क के कार्य को प्रभावित कर सकता है बल्कि जानलेवा भी हो सकता है.
ग्लियोमा के कारण क्या हैं? कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये घातक गलती!
ग्लियोमा धीरे-धीरे या तेज़ी से बढ़ सकता है, और इसकी गंभीरता प्रकार और ग्रेड पर निर्भर करती है. इसलिए, लक्षणों पर सावधानीपूर्वक नज़र रखना महत्वपूर्ण है. ग्लियोमा का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से समझा नहीं गया है. हालाँकि, कुछ जोखिम कारक (risk factors) हो सकते हैं जैसे आनुवंशिक उत्परिवर्तन (genetic mutations), ब्रेन ट्यूमर का पारिवारिक इतिहास (family history of brain tumours), या सिर पर पहले विकिरण (radiation exposure) का संपर्क.
ट्यूमर के आकार और स्थान के कारण लक्षण व्यक्ति-दर-व्यक्ति भिन्न हो सकते हैं. इसमें सिरदर्द (headaches), मतली और उल्टी (nausea and vomiting), दौरे (seizures), दृष्टि की समस्याएँ (vision problems), याददाश्त में कमी (memory loss) या भ्रम (confusion), या यहाँ तक कि अंगों में कमजोरी (weakness in the limbs) और बोलने में असमर्थता (inability to speak) भी शामिल हो सकती है. सुबह के समय गंभीर, लगातार सिरदर्द होना ग्लियोमा का एक सामान्य लक्षण है.
ग्लियोमा का उपचार: क्या मौत के मुँह से वापस आना संभव है?
ग्लियोमा का उपचार ट्यूमर के प्रकार और ग्रेड (type and grade of glioma) पर आधारित होगा. इसे प्रबंधित करने के विकल्पों में सर्जरी (surgery), विकिरण चिकित्सा (radiation therapy) और कीमोथेरेपी (chemotherapy) शामिल हो सकते हैं, और इनका निर्णय डॉक्टर द्वारा किया जाएगा. समय पर हस्तक्षेप करना अनिवार्य है, क्योंकि कुछ ग्लियोमा जानलेवा हो सकते हैं, खासकर यदि उनका देर से निदान किया जाए या वे तेज़ी से बढ़ें. शीघ्र पता लगने और विशेषज्ञ देखभाल से रोगी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी. इसलिए, अपने न्यूरोलॉजिस्ट (neurologist) से परामर्श करें और त्वरित हस्तक्षेप सुनिश्चित करें.
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