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Up Kiran, Digital Desk: गरुड़ पुराण, हिंदू धर्म के अठारह मुख्य पुराणों में से एक, अपनी विशिष्ट शिक्षाओं के कारण अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मात्र धर्मग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाने वाली एक अनमोल धरोहर है। इसमें समाहित ज्ञान व्यक्ति को अपने अस्तित्व को बेहतर बनाने और सही दिशा में आगे बढ़ने में सहायता करता है। यह पवित्र ग्रन्थ केवल कर्मकांडों का बखान नहीं करता, बल्कि धार्मिक सिद्धांतों और जीवन-दर्शन को अत्यंत सरल रूप में समझाता है। इस पुराण में भगवान विष्णु और उनके प्रिय वाहन गरुड़ के बीच हुई गहन चर्चाएँ दर्ज हैं, जहाँ जीवन की जटिल गुत्थियों के समाधान प्रस्तुत किए गए हैं।

जीवन-मृत्यु के परे का विज्ञान और कर्म की शक्ति

इस ग्रन्थ में जीवन और मृत्यु के गूढ़ रहस्यों, आत्मा के सफर, पुनर्जन्म के चक्र और मानव के कार्यों के अंतिम परिणामों की विस्तृत व्याख्या की गई है। साथ ही, यह स्पष्ट निर्देश भी देता है कि व्यक्ति को किस प्रकार सत्य के मार्ग पर चलते हुए, सदकर्मों का पालन करते हुए, एक संतुलित जीवन व्यतीत करना चाहिए, ताकि उसका जीवन उद्देश्यपूर्ण और सार्थक बन सके। भगवान विष्णु ने इसमें उन पाँच प्रकार की बुरी आदतों की भी पहचान की है, जिनसे हर मनुष्य को दूर रहना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इन पाँच दोषों को अपनाने वाले लोग अक्सर दरिद्रता, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और मानसिक अशांति का सामना करते हैं। आइए, जानते हैं ये कौन-सी पाँच आदतें हैं जिनसे तुरंत छुटकारा पाना आवश्यक है।

1. आलस्य का त्याग: समय पर उठना है सफलता की पहली सीढ़ी

आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में, लोगों का देर रात जागना और सुबह देर तक सोते रहना आम हो गया है। धार्मिक ग्रंथों में सुबह सूर्योदय के बाद तक बिस्तर पर पड़े रहना एक नकारात्मक प्रवृत्ति मानी गई है। जो लोग लंबी नींद लेते हैं, उनका स्वभाव सुस्ती और निष्क्रियता से भर जाता है। ऐसे व्यक्तियों के लिए जीवन में तरक्की कर पाना मुश्किल हो जाता है। उनके हर काम में बाधाएं आती हैं और यदि यह आदत न सुधारी जाए, तो उन्हें गंभीर आर्थिक संकटों का भी सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, शास्त्रों में सही समय पर विश्राम करने और ब्रह्म मुहूर्त में जागने को स्वास्थ्य एवं समृद्धि के लिए अत्यधिक शुभ बताया गया है।

2. रसोई की सफाई: जूठे बर्तन रखना लाता है दुर्भाग्य

गरुड़ पुराण की शिक्षाओं के अनुसार, रात्रि में अपनी रसोई में झूठे या गंदे बर्तन छोड़ना उचित नहीं है। इस तरह का आचरण न्याय के देवता शनि के क्रोध को आमंत्रित कर सकता है। इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि धन की देवी माँ लक्ष्मी को भी यह लापरवाही अप्रिय लगती है। इसीलिए, रात्रि विश्राम से पहले सभी गंदे बर्तनों को धोकर व्यवस्थित कर देना चाहिए। यह आदत घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखती है और सुख-शांति तथा संपन्नता का मार्ग प्रशस्त करती है।

3. वस्त्रों की शुद्धता: स्वच्छता है देवी लक्ष्मी का निवास

इस पवित्र ग्रन्थ के अनुसार, गंदे और अशुद्ध वस्त्र धारण करने से धन की देवी नाराज़ हो जाती हैं, क्योंकि माँ लक्ष्मी को पवित्रता और निर्मलता बहुत प्रिय है। यह माना जाता है कि देवी वहीं वास करती हैं जहाँ साफ-सफाई, स्वच्छता और शुद्धता का वातावरण होता है। इसलिए, व्यक्ति को हमेशा स्वच्छ और धुले हुए कपड़े पहनने चाहिए। यह आदत अपनाने से व्यक्ति पर धन और समृद्धि की वर्षा होती है और जीवन में खुशहाली आती है।

4. लालच से बचें: संतोष ही असली धन है

ऐसा माना जाता है कि माँ लक्ष्मी कभी भी अति-लालची स्वभाव वाले मनुष्यों पर अपनी कृपा नहीं बरसातीं। ऐसे लोग जीवन के सच्चे सुख और संतोष को कभी महसूस नहीं कर पाते। लालच व्यक्ति के भीतर को खोखला कर देता है और खुशी उससे दूर भागती है। गरुड़ पुराण सिखाता है कि जो व्यक्ति ईमानदारी और कड़ी मेहनत से धन कमाता है, उस पर ही माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है। सच्चाई और परिश्रम से अर्जित धन ही जीवन में चिरस्थायी सुख और स्थिरता प्रदान करता है।

5. दूसरों को कष्ट न दें: परोपकार से मिलती है सच्ची शांति

गरुड़ पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति जानबूझकर दूसरों को हानि पहुँचाते हैं या उनके लिए मुश्किलें खड़ी करते हैं, उनसे माँ लक्ष्मी हमेशा अप्रसन्न रहती हैं। ऐसे लोगों के जीवन में धन का अभाव बना रहता है और वे कभी भी मानसिक शांति प्राप्त नहीं कर पाते। शास्त्रों में यह स्पष्ट किया गया है कि माँ लक्ष्मी दया, करुणा और अच्छे कर्मों से ही प्रसन्न होती हैं। इसलिए, जो मनुष्य दूसरों का भला करता है, वही जीवन में सच्ची शांति और समृद्धि का अनुभव करता है।