
Up Kiran, Digital Desk: देश की राजनीति में एक बार फिर तब ज़ोरदार हंगामा मच गया, जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर की गई एक कथित टिप्पणी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आगबबूला कर दिया। भाजपा ने इस टिप्पणी को 'देश के दलितों और आदिवासियों का घोर अपमान' बताते हुए खड़गे और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।
यह विवाद उस समय उठा जब (लेख में टिप्पणी का सटीक विवरण नहीं है, पर अनुमानित) खड़गे ने किसी संदर्भ में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए ऐसी बात कही, जिसे भाजपा ने पद की गरिमा और विशेषकर उनके आदिवासी समुदाय से आने के कारण अपमानजनक बताया। भाजपा नेताओं का कहना है कि खड़गे की यह टिप्पणी सिर्फ राष्ट्रपति पद का नहीं, बल्कि स्वयं द्रौपदी मुर्मू जी का व्यक्तिगत अपमान है, जो भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं।
भाजपा ने याद दिलाया कि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने राष्ट्रपति मुर्मू या उनके पद को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह कांग्रेस की दलित और आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस केवल दिखावे के लिए इन समुदायों की बात करती है, लेकिन उनके सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का सम्मान नहीं कर सकती।
भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से तत्काल माफ़ी मांगने की मांग की है और कहा है कि कांग्रेस को दलितों और आदिवासियों के प्रति अपने पूर्वाग्रह पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब देश में चुनावी माहौल गरम है और दलित व आदिवासी वोट बैंक राजनीतिक दलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
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