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बांग्लादेश के दिनाजपुर दनपद में हिंदू समुदाय के प्रमुख नेता भावेश चंद्र रॉय की अगवा कर पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना ने न केवल बांग्लादेश बल्कि भारत में भी गुस्से की लहर पैदा कर दी है। हिंदुस्तान ने इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए यूनुस सरकार को अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की चेतावनी दी है।
इस बीच बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तसलीमा नसरीन ने यूनुस सरकार पर गंभीर इल्जाम लगाते हुए उनकी सत्ता से बेदखली की मांग की है। यह घटना बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा पर सवाल उठाने के साथ-साथ दोनों देशों के बीच तनाव को और गहरा कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
बीते हफ्ते बांग्लादेश के दिनाजपुर स्थित बिराल उपजिला में एक सनसनीखेज और क्रूर घटना घटी। भावेश चंद्र रॉय बसुदेवपुर गांव के निवासी और बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद के बिराल यूनिट के उपाध्यक्ष थे। उनको कथित तौर पर कट्टरपंथियों ने उनके घर से अगवा कर लिया। इसके बाद उन्हें बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला गया। भावेश स्थानीय हिंदू समुदाय में एक सम्मानित और सक्रिय नेता थे। वो धार्मिक और सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
भारत ने इस घटना को जघन्य करार देते हुए बांग्लादेश सरकार से कड़ा रुख अपनाया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भावेश चंद्र रॉय की नृशंस हत्या बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं पर बढ़ते हमलों का एक और उदाहरण है। हम बांग्लादेश सरकार से मांग करते हैं कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और इस मामले में त्वरित कार्रवाई करे। बहाने बनाना बंद कीजिए।
भारत का ये बयान बांग्लादेश में हिंदुओं पर हाल के दिनों में बढ़ते हमलों के बीच आया है। इसने दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव को और बढ़ा दिया है। भारतीय सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर गुस्सा देखा जा रहा है, जहां लोग बांग्लादेश सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं।
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