नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के सालों बाद भी इस पर सियासत जारी है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दावा किया है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर की तकदीर और तस्वीर दोनों बदल गई है, जिस पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने तीखा पलटवार किया है।
किरेन रिजिजू ने गिनाईं उपलब्धियां
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक पोस्ट में कहा, "अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, जम्मू-कश्मीर की नियति एक सकारात्मक पथ पर है। केंद्र शासित प्रदेश ने शांति, विकास और समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत की है।"
उन्होंने दावा किया कि पहले जहां घाटी में आतंकवाद, पथराव और हड़ताल की खबरें आती थीं, वहीं अब वहां रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आ रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों की आय में भी भारी वृद्धि हुई है। रिजिजू ने कहा कि 2023 में 2 करोड़ से ज्यादा पर्यटकों का जम्मू-कश्मीर आना इस बात का सबूत है कि वहां सब कुछ ठीक है।
उमर अब्दुल्ला का तीखा सवाल
केंद्रीय मंत्री के इन दावों पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने रिजिजू के पोस्ट पर पलटवार करते हुए पूछा, "सर, अगर यह सब सच है तो आप विधानसभा चुनाव कराने से इतना डर क्यों रहे हैं?"
अब्दुल्ला ने आगे लिखा, "अगर भाजपा इतनी ही लोकप्रिय है, जितनी आप हमें विश्वास दिलाना चाहते हैं, तो आपकी पार्टी को चुनाव जीतने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। शांति और विकास के आपके दावों का समर्थन करने के लिए आपके पास ठोस आंकड़े होने चाहिए। तो फिर इंतजार क्यों?"
यह जुबानी जंग दिखाती है कि अनुच्छेद 370 का मुद्दा आज भी जम्मू-कश्मीर की राजनीति का एक केंद्रीय बिंदु बना हुआ है। जहां एक तरफ केंद्र सरकार इसे विकास और शांति की कुंजी बता रही है, वहीं दूसरी तरफ स्थानीय दल चुनावों में हो रही देरी को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं।

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