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रविवार शाम को मुंबई के बांद्रा इलाके में अभिनेता आमिर खान के आवास से लगभग 25 IPS अधिकारियों की गाड़ियों के निकलते हुए वीडियो वायरल हुआ। इस घटना ने सोशल मीडिया और मीडिया जगत में विभिन्न कयासों को जन्म दिया था ।

इन अफवाहों पर विराम लगाते हुए, आमिर की टीम ने स्पष्ट किया कि ये सभी अधिकारी प्रवर्तमान बैच के IPS ट्रेनी थे, जिनका उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने का अनुरोध था। आमिर ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया और साथ बातचीत की—जो कोई छापेमारी या सुरक्षा चिंताओं पर आधारित घटना नहीं थी।

यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि कैसे आमिर की पहली फिल्म ‘सरफरोश’ (1999) में उन्होंने कुछ-कुछ समय एक ईमानदार आईपीएस अधिकारी का किरदार निभाया था, जिसने आज तक कई युवा पुलिस अधिकारियों को प्रेरित किया है। यही वजह है कि कई IPS ट्रेनी उन्हें व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए बेताब रहते हैं।

घटना के दौरान सोशल मीडिया पर यह भी अटकलें लगाई गई थीं कि शायद आमिर किसी सुरक्षा प्रोजेक्ट या नए फिल्म प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, या फिर लग्जरी कारों से जुड़ी हालिया खबरों की वजह से पुलिस की नजर उन पर थी। लेकिन टीम ने इन सभी चर्चाओं को खारिज करते हुए बताया कि यह एक सौजन्यपूर्ण और नियोजित मिलन था, किसी तनाव या जांच से संबंध नहीं रखता था।

इसके अलावा आमिर हाल ही में अपनी फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ की विशेष स्क्रीनिंग और आगामी फिल्म परियोजनाओं के साथ भारतीय फिल्म जगत में सक्रिय हैं। वे आशा कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में उनकी नई फिल्मों और प्रोडक्शन्स से जुड़ी घोषणाएं भी सामने आएंगी।

इस पूरी घटना ने यह साबित किया कि सोशल मीडिया अफवाहों से अलग सच्चाई हमेशा शांतिपूर्ण और सकारात्मक होती है—यह मुलाकात सम्मान और आदर का प्रतीक थी, न कि किसी विवाद की झलक।
 

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