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Up Kiran,Digitl Desk: मध्य प्रदेश में हाल ही में जहरीले कफ सिरप से हुई कई मासूम बच्चों की मौत और दुनिया भर में भारतीय दवाओं की क्वालिटी पर उठे गंभीर सवालों के बाद, केंद्र सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा और सबसे सख्त कदम उठाने का फैसला कर लिया है। आपकी और हमारी सेहत की गारंटी के लिए, सरकार 85 साल पुराने 'ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940' को विदाई देकर एक बिल्कुल नया और बेहद सख्त कानून लाने जा रही है।

इस नए कानून का नाम 'ड्रग्स, मेडिकल डिवाइसेज एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 2025' होगा। इसे संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश करने का लक्ष्य रखा गया है।

क्यों पड़ी इस 'महा-कानून' की जरूरत: इस सख्त कानून के पीछे की सबसे बड़ी वजह भारत की उस छवि को लगा गहरा धक्का है, जिसे 'दुनिया की फार्मेसी' कहा जाता था।

अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती: पिछले कुछ समय से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) समेत दुनिया भर के हेल्थ रेगुलेटर्स ने भारतीय दवा कंपनियों द्वारा क्वालिटी में गंभीर चूक को लेकर बार-बार चिंता जताई थी।

देश में मौतें: हाल ही में मध्य प्रदेश में एक दूषित कफ सिरप के कारण कई बच्चों की दुखद मौत ने सरकार को इस दिशा में तत्काल और ठोस कार्रवाई करने पर मजबूर कर दिया।

क्या होंगे नए कानून के ‘सुपर पावर: मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा की अध्यक्षता में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में इस नए कानून का ड्राफ्ट पेश किया गया। सूत्रों के अनुसार, इस कानून में कई क्रांतिकारी प्रावधान होंगे:

CDSCO को मिलेंगे असीमित अधिकार: देश की सर्वोच्च दवा नियामक संस्था, CDSCO (सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन), को पहली बार कानूनी तौर पर इतने अधिकार दिए जाएंगे कि वह नकली या घटिया दवाओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई कर सकेगी।

हर स्तर पर निगरानी: यह कानून मैन्युफैक्चरिंग से लेकर बाजार में दवा के पहुंचने तक, हर एक स्तर पर जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।

डिजिटल होगा लाइसेंस: दवाओं के लाइसेंस की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल किया जाएगा, जिससे भ्रष्टाचार और धांधली पर रोक लगेगी।

राज्यों के साथ बेहतर तालमेल: राज्य के ड्रग रेगुलेटर्स के साथ तालमेल को बढ़ाया जाएगा और देशभर की टेस्टिंग लैब्स को अपग्रेड किया जाएगा।