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Up Kiran, Digital Desk: राजधानी देहरादून में जमीन दिलाने के नाम पर एक शख्स के साथ एक करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। हैरान करने वाली बात ये है कि आरोपी ने खुद को उत्तराखंड शासन का अधिकारी बताया और फर्जी दस्तावेज तैयार कर रुपये हड़प लिए। अब जब पीड़ित ने अपने पैसे वापस मांगे, तो उसे जान से मारने की धमकी मिलने लगी।
कैसे रची गई करोड़ों की ठगी की साजिश
पीड़ित चंद्रशेखर लटवाल, निवासी जीएमएस रोड देहरादून, अपने लिए जमीन की तलाश कर रहे थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात प्रॉपर्टी डीलर वीरेंद्र सिंह से हुई। वीरेंद्र ने उन्हें दीपक शर्मा नामक व्यक्ति से मिलवाया, जिसने खुद को उत्तराखंड शासन में अधिकारी बताया।
दीपक ने चंद्रशेखर को बताया कि वह अपनी जमीन बेचना चाहता है। इसके बाद उसने राकेश मिश्रा नाम के शख्स से मिलवाया और उसे अपना सहयोगी बताया। दोनों ने मिलकर 21 नवंबर 2023 को एक जमीन का फर्जी अनुबंध (Agreement) चंद्रशेखर से कराया और उसके बदले ₹1 करोड़ की मोटी रकम ऐंठ ली।
असली निकली जालसाजी की जमीन!
अनुबंध के मुताबिक, छह महीने बाद विक्रय पत्र (Sale Deed) तैयार किया जाना था। लेकिन छह महीने बीतने के बाद भी न तो जमीन मिली और न ही विक्रय पत्र। आरोपी ने एक और महीने की मोहलत मांगी। जब चंद्रशेखर ने जांच की तो हकीकत सामने आई — जमीन तो उनके नाम पर थी ही नहीं!
जमीन पर दीपक शर्मा या राकेश मिश्रा का कोई मालिकाना हक नहीं था, और अनुबंध में दर्ज सभी दस्तावेज फर्जी निकले। यानी पूरे प्लान के पीछे सुनियोजित धोखाधड़ी की साजिश थी।
अब धमकियों का खेल शुरू!
जब पीड़ित ने अपना पैसा वापस मांगना शुरू किया, तो आरोपी दीपक शर्मा और राकेश मिश्रा ने उसे जान से मारने की धमकी देनी शुरू कर दी। चंद्रशेखर लटवाल ने तुरंत पुलिस को तहरीर सौंपी, जिसके बाद राजपुर थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस की जांच शुरू, अब कौन है ये दीपक शर्मा
इस केस की एक और चौंकाने वाली परत यह है कि दीपक शर्मा ने खुद को उत्तराखंड शासन का अफसर बताया, लेकिन शुरुआती जांच में उसकी सरकारी सेवा से कोई पुष्टि नहीं हुई है। इससे साफ है कि आरोपी ने अपनी फर्जी पहचान के बल पर विश्वास हासिल किया और करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया।
पुलिस अब दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है, और मामले की संपत्ति संबंधी कागजातों की फॉरेंसिक जांच भी की जा रही है।
क्या कहता है यह केस
यह मामला उत्तराखंड में बढ़ते जमीन-जायदाद घोटालों की ओर इशारा करता है, जहां लोग फर्जी दस्तावेज और झूठी पहचान के जरिए भोले-भाले निवेशकों को चूना लगा रहे हैं। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि सरकारी अफसर बनकर ठगना, अब जालसाजों के लिए आम ट्रिक बन गई है।
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