Up Kiran, Digital Desk: जब भी सूर्य या चंद्र ग्रहण की बात होती है, तो हम सभी के मन में उत्सुकता और थोड़ी चिंता एक साथ आ जाती है। "क्या यह हमारे शहर में दिखेगा?", "क्या हमें कोई खास सावधानी बरतनी होगी?", और सबसे बड़ा सवाल - "क्या सूतक काल के नियम मान्य होंगे?"
साल 2025 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण जल्द ही लगने वाला है। चलिए, आज हम इस खगोलीय घटना से जुड़े आपके सभी सवालों के जवाब बिल्कुल सरल भाषा में जानते हैं।
कब लग रहा है यह सूर्य ग्रहण?
साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण रविवार, 21 सितंबर को लगने जा रहा है। भारतीय समय के अनुसार, यह ग्रहण रात में 09:14 बजे शुरू होगा और देर रात 12:28 बजे समाप्त होगा। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) होगा, जिसमें चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं, बल्कि केवल उसके एक हिस्से को ही ढकेगा।
सबसे बड़ा सवाल: क्या यह भारत में दिखाई देगा?
इस सवाल का सीधा और सरल जवाब है - नहीं।
यह सूर्य ग्रहण भारत के किसी भी हिस्से में दिखाई नहीं देगा। यह मुख्य रूप से दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर जैसे क्षेत्रों में ही नज़र आएगा।
तो, क्या भारत में सूतक काल के नियम लागू होंगे?
यह भारत में रहने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ी राहत की खबर है। ज्योतिष और हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल केवल उन्हीं जगहों पर मान्य होता है, जहाँ ग्रहण दिखाई देता है।
चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां सूतक काल के कोई भी नियम लागू नहीं होंगे।
इसका मतलब है कि:
मंदिरों के कपाट बंद नहीं होंगे और सामान्य पूजा-पाठ जारी रहेगी।
गर्भवती महिलाओं को किसी भी तरह की विशेष और कठोर सावधानी बरतने की ज़रूरत नहीं है।
खाने-पीने या किसी भी दूसरे काम पर कोई पाबंदी नहीं होगी।
आपका दैनिक जीवन सामान्य रूप से चलता रहेगा और आपको कोई भी बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है।
तो, आप इस खगोलीय घटना को लेकर निश्चिंत रह सकते हैं, क्योंकि भारत पर इसका कोई भी धार्मिक या सूतकीय प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।




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