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Up Kiran, Digital Desk: धरती पर मौजूद पानी जीवन का स्रोत ज़रूर है, लेकिन आने वाले समय में यही पानी विनाश की वजह भी बन सकता है। जलवायु परिवर्तन और समुद्री जलस्तर में हो रही निरंतर वृद्धि ने दुनिया भर के कई तटीय शहरों के अस्तित्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर वैज्ञानिकों की भविष्यवाणियाँ सच साबित हुईं, तो आने वाले कुछ दशकों में कई मशहूर शहर पानी में डूब सकते हैं।

समुद्री जलस्तर में वृद्धि: प्राकृतिक बदलाव या मानवीय लापरवाही?
हमारी धरती का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है, जबकि बाकी भूमि पर पर्वत, रेगिस्तान और जंगल फैले हुए हैं। लेकिन जिस रफ्तार से ग्लेशियर पिघल रहे हैं और समुद्री सतह ऊंची हो रही है, वह डराने वाली तस्वीर पेश कर रही है। वैज्ञानिक मानते हैं कि अगर यह प्रक्रिया यूं ही जारी रही, तो 2050 से लेकर 2100 तक कई शहर समुद्र की लहरों में समा सकते हैं।

वेनिस: इटली का डूबता हुआ ऐतिहासिक शहर
वेनिस, जिसे 'जलनगरी' कहा जाता है, पहले से ही बाढ़ की मार झेलता आ रहा है। यह पूरा शहर पानी के ऊपर बना हुआ है, जहां हर साल ज्वारभाटा से हालात बिगड़ते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि समुद्र के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी इसे धीरे-धीरे निगल रही है।

एम्स्टर्डम और रॉटरडम: नीदरलैंड्स के संकटग्रस्त तटीय क्षेत्र
नीदरलैंड्स का बड़ा हिस्सा समुद्र तल के बेहद करीब स्थित है। राजधानी एम्स्टर्डम और प्रमुख बंदरगाह शहर रॉटरडम, दोनों ही ऐसी जगहों पर बसे हैं, जो जलवृद्धि की जद में हैं। यदि समुद्री स्तर और बढ़ा, तो ये शहर पानी में समा सकते हैं।

न्यू ऑरलियन्स: अमेरिका का नमी से जूझता शहर
अमेरिका के न्यू ऑरलियन्स शहर को कई नहरों और जल स्रोतों से घिरा हुआ माना जाता है। इसके निकट स्थित बिलोक्सी और जीन लैफिटे वाइल्डलाइफ प्रिजर्व पहले ही समुद्र तल के समतल स्तर पर हैं। जलस्तर बढ़ने की स्थिति में ये इलाके पहले प्रभावित हो सकते हैं।

बसरा: इराक का दलदली शहर खतरे में
इराक के दक्षिणी भाग में बसा बसरा शहर अल-अरब नदी के किनारे स्थित है। इसके चारों ओर दलदली क्षेत्र फैला है, जिससे यह क्षेत्र समुद्री जलवृद्धि के प्रति बेहद संवेदनशील हो जाता है। अगर समुद्र थोड़ा भी उफनता है, तो यह शहर जलमग्न हो सकता है।

बैंकॉक: थाईलैंड की राजधानी हर साल धंस रही है
ग्लोबल वार्मिंग से सबसे अधिक प्रभावित शहरों में बैंकॉक का नाम तेजी से उभर रहा है। यह शहर समुद्र तल से महज 1.5 मीटर ऊपर स्थित है और हर साल 2-3 सेंटीमीटर तक नीचे धंस रहा है। ऐसी स्थिति में अगर जलस्तर बढ़ता है, तो यह नगरी किसी बड़े संकट में फंस सकती है।

हो ची मिन्ह सिटी: वियतनाम का डूबने की कगार पर खड़ा शहर
वियतनाम की आर्थिक राजधानी हो ची मिन्ह सिटी दलदली भूभाग पर बसी हुई है और समुद्र तल से इसकी ऊंचाई बेहद कम है। वैज्ञानिकों की मानें तो 2030 तक यह शहर पूरी तरह जलमग्न हो सकता है।

कोलकाता: भारत का प्रमुख महानगर भी खतरे में
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता भी जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से अछूती नहीं है। क्लाइमेट सेंट्रल की रिपोर्ट्स के अनुसार, यदि समुद्री जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा, तो यह शहर भारी वर्षा और बाढ़ की चपेट में आकर अस्तित्वहीन हो सकता है। पहले से ही मॉनसून में यहां जलजमाव आम बात बन चुकी है।

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