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Up Kiran, Digital Desk: राजधानी लखनऊ का गोमतीनगर रेलवे स्टेशन अब सिर्फ ट्रेन पकड़ने की जगह नहीं रह गया है। करीब 390 करोड़ रुपये की लागत से इसे एक आधुनिक मल्टी-यूटिलिटी ट्रांसपोर्ट सेंटर में तब्दील कर दिया गया है। डिज़ाइन से लेकर सुविधाओं तक, हर पहलू को इस तरह से विकसित किया गया है कि यहां आने वाला हर यात्री खुद को किसी एयरपोर्ट में महसूस करेगा।

स्टेशन नहीं, नया अनुभव

रेलवे लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (RLDA) के नेतृत्व में तैयार यह स्टेशन अब अंतिम चरण में है। 96 प्रतिशत से ज़्यादा काम पूरा हो चुका है और अगस्त 2025 के अंत तक इसे यात्रियों के लिए खोलने की तैयारी चल रही है।

देश में PPP मॉडल पर बनने वाले चुनिंदा स्टेशनों में यह शामिल है, और अपने लेवल की सुविधाएं देने वाला पहला स्टेशन है।

यात्री सुविधाओं की लिस्ट में सब कुछ

  • गोमतीनगर स्टेशन को सिर्फ एक यात्रा स्थल नहीं, बल्कि एक पूरी "एक्सपीरियंस स्पेस" के तौर पर डिज़ाइन किया गया है।
  • दो वाणिज्यिक टावर बनाए गए हैं, जिनमें कुल 77 शॉपिंग आउटलेट्स होंगे। यात्रियों को कपड़ों, फुटवियर, खाने-पीने की चीज़ों और दूसरी ज़रूरी वस्तुएं आसानी से मिलेंगी।
  • VIP लाउंज और वेटिंग एरिया को शानदार तरीके से तैयार किया गया है।
  • एक फूड कोर्ट भी स्टेशन परिसर में यात्रियों की भूख मिटाने के लिए मौजूद रहेगा।
  • डबल बेसमेंट पार्किंग में 775 गाड़ियां खड़ी हो सकेंगी।
  • स्टेशन का कॉनकोर्स एरिया 28 मीटर चौड़ा है, जिससे यात्रियों को प्लेटफॉर्म तक पहुंचना और भी आसान होगा।
  • कुल 6 प्लेटफॉर्म स्टेशन पर तैयार किए गए हैं।

यातायात जाम से राहत की योजना

स्टेशन के पास अक्सर लगने वाले ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से दो-स्तरीय बनाया गया है। एक 458 मीटर लंबा फ्लाईओवर तैयार किया गया है, जो सीधे स्टेशन के पहले फ्लोर तक जाता है। यानी अब वाहन सीधे ऊपर आकर यात्रियों को ड्रॉप कर सकेंगे, जिससे सड़क पर भीड़ नहीं लगेगी।

सुरक्षा मानकों में एयरपोर्ट जैसी सख्ती

  • सुरक्षा के मोर्चे पर गोमतीनगर स्टेशन किसी इंटरनेशनल टर्मिनल से कम नहीं होगा। यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाया गया है:
  • 50 से अधिक हाई-डेफिनिशन CCTV कैमरे
  • बैग चेकिंग के लिए आधुनिक स्कैनर और मेटल डिटेक्टर
  • महिलाओं और बच्चों के लिए डेडिकेटेड हेल्प डेस्क
  • 24 घंटे सिक्योरिटी स्टाफ की तैनाती

पर्यावरण की भी पूरी सोच

यह स्टेशन पूरी तरह से ग्रीन बिल्डिंग की अवधारणा पर आधारित है। छतों पर सोलर पैनल लगाए गए हैं, जो स्टेशन की बिजली ज़रूरतों का बड़ा हिस्सा पूरा करेंगे। इससे न सिर्फ बिजली की बचत होगी, बल्कि स्टेशन का कार्बन फुटप्रिंट भी कम होगा।

ट्रेनों की संख्या में इज़ाफा तय

अभी स्टेशन से 19 ट्रेनें चल रही हैं, लेकिन जल्द ही इस संख्या में इज़ाफा किया जाएगा। हाल ही में अमृत भारत एक्सप्रेस की चार नई ट्रेनों को यहां से चलाया गया है, जो स्टेशन की बढ़ती उपयोगिता को दर्शाता है।

रेलवे के अधिकारी यह भी संकेत दे चुके हैं कि भविष्य में यहां से शताब्दी, वंदे भारत, तेजस और राजधानी एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनें भी संचालित की जा सकती हैं।

नाम बदलने की चर्चा भी तेज

हाल ही में रेलवे बोर्ड की एक बैठक में लखनऊ के सांसद और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि ने प्रस्ताव रखा कि स्टेशन का नाम "पंडित अटल बिहारी वाजपेयी गोमतीनगर रेलवे स्टेशन" किया जाए। पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। इस पर निर्णय जल्द लिया जा सकता है।

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