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Up Kiran, Digital Desk: दस महाविद्याओं में आठवीं देवी, मां बगलामुखी का कलयुग में भी विशेष स्थान है। उन्हें शक्ति का उग्र रूप माना जाता है, जो शत्रुओं का नाश करती हैं, भय दूर करती हैं और भक्तों को विजय दिलाती हैं। हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को उनकी जयंती मनाई जाती है। साल 2025 में यह पवित्र तिथि 5 मई, सोमवार को पड़ रही है। आइए जानते हैं बगलामुखी जयंती का क्या महत्व है और इस दिन मां की पूजा कैसे करनी चाहिए।

बगलामुखी जयंती 2025: तिथि और समय

अष्टमी तिथि का आरंभ: 4 मई 2025, रविवार, सुबह 7:18 बजे

अष्टमी तिथि की समाप्ति: 5 मई 2025, सोमवार, सुबह 7:35 बजे

नोट: हिंदू पंचांग में उदया तिथि (सूर्योदय के समय मौजूद तिथि) को महत्व दिया जाता है, इसलिए बगलामुखी जयंती 5 मई, सोमवार को ही मनाई जाएगी।

हिंदू धर्म में मां बगलामुखी का महत्व

मां बगलामुखी की पूजा भक्त अक्सर मुश्किल परिस्थितियों से अपनी रक्षा करने, अपनी वाणी और बुद्धि पर नियंत्रण पाने, और शत्रुओं द्वारा खड़ी की गई बाधाओं को दूर करने के लिए करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने भी पांडवों को मां बगलामुखी की साधना करने की सलाह दी थी, ताकि उन्हें युद्ध में विजय मिल सके और उनके शत्रुओं का नाश हो। कहा जाता है कि पांडवों ने मां बगलामुखी की पूजा की थी।

मां बगलामुखी की पूजा विधि

बगलामुखी जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ पीले रंग के कपड़े पहनें।

पूजा स्थान पर एक पीला आसन बिछाएं और उस पर मां बगलामुखी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

पूजा में पीले फूल, हल्दी, पीले फल, चने की दाल और पीली मिठाई का प्रयोग करें।

धूप, दीप (दीपक) और कपूर जलाकर मां की आरती करें।

पूजा के समय मां के इस शक्तिशाली मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें:
“ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।”

इसके बाद बगलामुखी चालीसा का पाठ करें और फिर से आरती करें।

अगर संभव हो, तो रात के समय मां की साधना करें, क्योंकि माना जाता है कि रात का समय मां की कृपा पाने के लिए और भी शुभ और असरदार होता है।

बगलामुखी जयंती पर पूजा के लाभ

मां बगलामुखी की पूजा और साधना करने से भक्तों को कई लाभ मिलते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

शत्रुओं द्वारा उत्पन्न बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

वाद-विवाद और कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिलने की संभावना बढ़ती है।

आत्मविश्वास, साहस और आत्मबल में वृद्धि होती है, जिससे समाज में मान-सम्मान बढ़ता है।

मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।

बगलामुखी जयंती का दिन मां की कृपा प्राप्त करने और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने का एक अत्यंत शुभ अवसर है।

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