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Up Kiran, Digital Desk: हरिद्वार के ज्वालापुर इलाके में गुरुवार को जो कुछ हुआ, वह न सिर्फ एक परिवार के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है। भरोसे की बुनियाद पर रखी गई घरेलू मदद किस कदर जानलेवा साबित हो सकती है, इसका ताजा उदाहरण यशपाल मल्होत्रा के परिवार को मिला, जब दो नौकरानियों ने परिवार को बेहोश कर लूट की साजिश रच डाली।
हालांकि, एक बेटी की समय पर घर लौटने की वजह से यह साजिश पूरी नहीं हो सकी और परिवार की जान बच गई। लेकिन इस घटना ने यह सवाल जरूर खड़ा कर दिया है कि घरेलू नौकरों की नियुक्ति से पहले जांच-पड़ताल कितनी जरूरी है, खासकर तब जब वे किसी प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से आते हैं।
4 दिन में बना लिया भरोसा, फिर दिया धोखा
चार दिन पहले ही मल्होत्रा परिवार ने दिल्ली की सूरज प्लेसमेंट एजेंसी से दो नेपाली मूल की महिलाओं – अनिशा राय और पुष्पा – को घर में काम के लिए रखा था। दोनों ने इतनी जल्दी विश्वास जीत लिया कि परिवार ने सतर्कता बरतने की जरूरत ही नहीं समझी। गुरुवार शाम 5:30 बजे के करीब, यशपाल मल्होत्रा, उनकी पत्नी और दो पोतों को चाय में नशे की दवा मिलाकर बेहोश कर दिया गया।
बेटी की समय पर वापसी ने बिगाड़ा खेल
वारदात को अंजाम देने ही वाली थीं कि तभी यशपाल की बेटी लवली, जो हरिलोक आर एन्क्लेव में रहती हैं, अचानक घर लौट आईं। घर का हाल देखकर वह चौंक गईं और नौकरानियों को भागते देखा। दोनों महिलाएं भागने में कामयाब रहीं, लेकिन उनका चेहरा सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
लवली ने तुरंत अपने भाई सनी को सूचना दी, जिन्होंने पूरे परिवार को अस्पताल पहुंचाया। परिजन अब खतरे से बाहर हैं।
चोरी नहीं हुई, लेकिन सवाल बहुत से
पुलिस जांच में साफ हुआ है कि घर से कोई कीमती सामान नहीं ले जाया गया। लेकिन घटना की गंभीरता को देखते हुए हर पहलू की जांच हो रही है। कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह के अनुसार, आरोपी महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और उनकी तलाश में दिल्ली में एक टीम भेजी गई है।
प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि यह महिलाएं पहले भी इसी तरह की वारदातों में शामिल रही हैं। अब पुलिस की नजर सूरज प्लेसमेंट एजेंसी पर भी है, क्योंकि यह आशंका है कि एजेंसी को इस साजिश की जानकारी हो सकती है या फिर वह इसमें संलिप्त हो सकती है।
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