Up Kiran, Digital Desk: गूलरभोज से लालकुआं जा रही ओएमसी स्पेशल ट्रेन की चपेट में आने से एक नर हाथी बुरी तरह घायल हो गया। यह घटना शुक्रवार रात करीब 8:30 बजे की है। हादसे की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची और घायल हाथी को दर्द निवारक दवा दी। वन विभाग की टीम के साथ शनिवार सुबह से पीपलपड़ाव और टांडा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे।
हैरानी की बात यह है कि इस हादसे के लगभग 15 घंटे बाद भी शनिवार दोपहर 11:30 बजे तक रेस्क्यू टीम घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाई। इस दौरान घायल हाथी पानी के तालाब में तड़पता रहा। इस देरी से वन विभाग और स्थानीय अधिकारियों के बीच चर्चा का माहौल बना हुआ है।
ट्रेन की गति और सुरक्षा बोर्ड की कहानी
घटना टांडा रेंज के रेलवे ट्रैक पर किलोमीटर संख्या 16/8 के पास हुई। यहां से महज 50 मीटर आगे 30 किमी/घंटा की गति सीमा का कासन बोर्ड लगा हुआ है। यह बोर्ड करीब साढ़े तीन साल पहले एक हथिनी और उसके बच्चे की ट्रेन से मौत के बाद लगाया गया था। बावजूद इसके, ओएमसी स्पेशल ट्रेन की गति बहुत अधिक थी, जिससे यह हादसा हुआ।
घायल हाथी की गंभीर चोटें
वन क्षेत्राधिकारी पीपलपड़ाव, पीसी जोशी ने बताया कि घायल नर हाथी के पिछले दोनों टांगें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। उन्होंने कहा कि आगरा रेस्क्यू सेंटर से बातचीत चल रही है और उसके दिशा-निर्देशों के आधार पर इलाज शुरू किया जाएगा।
यह घटना वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर संकेत है। हादसे के बाद से यह सवाल उठता है कि क्या रेलवे ट्रैक के पास मौजूद सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की जरूरत है?

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