
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में पुलिस अधीक्षक (एसपी) विनोद कुमार ने देर रात एक बड़ा प्रशासनिक कदम उठाते हुए पुलिस विभाग में व्यापक फेरबदल किया है। इस फेरबदल के तहत एक हेड कॉन्स्टेबल और 26 सब-इंस्पेक्टर (एसआई) के कार्यक्षेत्र बदले गए हैं। वहीं, लाइन में तैनात तीन सब-इंस्पेक्टरों को भी नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस बदलाव से जिले के पुलिस महकमे में हलचल मच गई है।
किसका हुआ कहां तबादला?
आदेश के मुताबिक, सब-इंस्पेक्टर ओमपाल सिंह को सदर मंडी चौकी से हटाकर खानपुर, ठठिया भेजा गया है। पंकज कुमार, जो पहले तिर्वा कस्बा चौकी प्रभारी थे, अब मंडी कन्नौज में जिम्मेदारी संभालेंगे। इसके अलावा कई अन्य अधिकारियों के भी कार्यक्षेत्र बदले गए हैं:
राज कुमार पटवा (लाइन में): नौरंगपुर चौकी प्रभारी
प्रमोद कुमार: जलालपुर पनवारा
रजनेश कुमार: इंदिरा नगर चौकी प्रभारी
राम प्रकाश: खानपुर से सकरावा थाने
राधाकृष्ण पांडेय: सकरावा से पुलिस लाइन
ज्ञानेंद्र सिंह: गुरसहायगंज से तिर्वा कस्बा
मोहनलाल: नौरंगपुर से जसोदा
सुशील कुमार चौधरी: जसोदा से हसेरन चौकी प्रभारी
आरपी सिंह: समधन से छिबरामऊ कस्बा
देवी चरण साहू: गुरसहायगंज से अनौगी
राम मोहन शर्मा: अनौगी से चपुन्ना (सकरावा)
ऋषिकेश मिश्रा: साइबर थाना से छिबरामऊ मंडी
कमलेश कुमार सिंह: मंडी से रोहली, तालग्राम
नीरज कुमार शर्मा: रोहली से प्रेमपुर
संजीव कटारा: प्रेमपुर से समधन
रावेन्द्र सिंह: इंदिरा नगर से चिरैयागंज
सुधीर सिंह: चिरैयागंज प्रभारी से सीओ तिर्वा पेशी
और भी तबादले तय
एसपी ने संकेत दिए हैं कि यह सिलसिला यहीं खत्म नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार, कई थानेदारों और दरोगाओं की अगली लिस्ट तैयार की जा रही है। लंबे समय से एक ही जगह पर तैनात अधिकारियों को हटाकर नई जगह भेजने की योजना है।
सुलतानपुर में भी बड़ा बदलाव
सिर्फ कन्नौज ही नहीं, तीन दिन पहले सुलतानपुर जिले में भी एसपी कुंवर अनुपम सिंह ने 25 निरीक्षकों और उपनिरीक्षकों के कार्यक्षेत्र बदले हैं। कई थानों में जिम्मेदारियों का पुनर्वितरण किया गया है:
तरुण पटेल: पुलिस लाइन से हलियापुर थाना
हंसमती: अपराध शाखा प्रभारी से महिला थाना
प्रदीप कुमार सिंह: महिला थाना से अपराध शाखा प्रभारी
राज्यभर में भी हो सकते हैं तबादले
यूपी में यह संकेत भी मिल रहे हैं कि जल्द ही 25 से ज्यादा आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए जा सकते हैं। जिन अफसरों की तैनाती किसी जिले में ढाई साल से ज्यादा हो चुकी है, उन्हें नई पोस्टिंग मिल सकती है। साथ ही जिन अधिकारियों के कामकाज को लेकर शिकायतें हैं, उन्हें कम महत्त्वपूर्ण पदों पर भेजा जा सकता है।
यह व्यापक फेरबदल प्रशासनिक मजबूती और निष्पक्ष कार्यप्रणाली की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, लेकिन इससे पुलिस विभाग के भीतर हलचल और अस्थिरता भी बनी हुई है।
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