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bengal election: पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री वाले इलेक्शन होने में अब एक साल से भी कम का वक्त बचा है और इस दौरान राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। तृणमूल कांग्रेस (TMC) और BJP के बीच राजनीतिक हमलों का सिलसिला जारी है। इस हफ्ते विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर कड़ा प्रहार किया, खासकर सरस्वती पूजा के मुद्दे को लेकर।
सरस्वती पूजा पर बाधा का आरोप
सोमवार को विधानसभा में BJP के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इल्जाम लगाया कि पश्चिम बंगाल में सरस्वती पूजा में बाधा डाली जा रही है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए BJP ने स्थगन प्रस्ताव की मांग की, जिसे स्पीकर बिमान बनर्जी ने अस्वीकार कर दिया। इसके विरोध में BJP विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। विरोध के दौरान चार BJP विधायकों को निलंबित कर दिया गया, जिसके बाद सुवेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर हिंदू विरोधी होने और मुस्लिमों का तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया। इसके जवाब में टीएमसी ने सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया।
ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने BJP के आरोपों को खारिज करते हुए चुनौती दी कि वे यह साबित करें कि टीएमसी का बांग्लादेशी आतंकियों से कोई संबंध है। उन्होंने सदन में कहा कि यदि BJP ये साबित कर दे कि मेरे बांग्लादेश और जम्मू-कश्मीर के आतंकियों से संबंध हैं, तो मैं तुरंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगी। उन्होंने आगे कहा कि वो धर्म, जाति या पंथ के आधार पर राजनीति नहीं करतीं और स्वयं एक ब्राह्मण परिवार की बेटी हूं।
आगे ममता बनर्जी ने BJP पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने हिंदू समुदाय के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने पूर्वी मेदिनीपुर में जगन्नाथ मंदिर और कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर में स्काईवॉक जैसी पहलों का जिक्र किया। इसके अलावा, प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा कि मैं महाकुंभ का सम्मान करती हूं, मगर BJP ने इसे जिस रूप में बदला वो दुखद है। हजारों शव बह गए और सैकड़ों को छिपा दिया गया।