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Up Kiran, Digital Desk: 21 अगस्त 2025 को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा, जो खास रूप से भगवान शिव की पूजा और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन विशेष रूप से तीन शुभ योगों का संयोग बन रहा है—गुरु-पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, और अमृत सिद्धि योग, जो न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं।

मासिक शिवरात्रि के दिन त्रयोदशी तिथि 21 अगस्त की शाम 12:44 बजे तक रहेगी, उसके बाद चतुर्दशी तिथि का आरंभ होगा। इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में गोचर करेंगे, और पुष्य नक्षत्र 22 अगस्त की रात 12:08 बजे तक रहेगा। सूर्योदय 5:53 बजे और सूर्यास्त 6:54 बजे होगा। इस दिन का समय, तिथियाँ और ग्रहों की स्थिति विशेष रूप से महत्व रखती हैं, क्योंकि इनकी स्थिति धार्मिक क्रियाओं में शुभ परिणाम देने वाली मानी जाती है।

भगवान शिव की पूजा के लिए यह दिन एक बहुत अच्छा अवसर माना जाता है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और विशेष रूप से शिव और पार्वती की पूजा करते हैं, ताकि उनके जीवन में समृद्धि, शांति और सुख आए। खास बात यह है कि इस बार के मासिक शिवरात्रि पर तीन विशेष योग बन रहे हैं, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि मानसिक और शारीरिक शांति के लिए भी लाभकारी हो सकते हैं।

गुरु-पुष्य योग, जो कि गुरुवार को पुष्य नक्षत्र के साथ बन रहा है, व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और ज्ञान के नए द्वार खोल सकता है। इस योग के प्रभाव से किसी भी नए कार्य की शुरुआत में सफलता की संभावना अधिक रहती है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है, जो हर प्रकार के कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। यह समय अपने लक्ष्य को पाने के लिए आदर्श अवसर है, खासकर यदि किसी नए काम या निवेश के बारे में सोच रहे हों। तीसरा योग, अमृत सिद्धि योग, आध्यात्मिक उन्नति और सांसारिक कार्यों में सफलता दिलाने वाला है।

पूजा विधि की बात करें तो इस दिन स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनना जरूरी होता है। इसके बाद शिवलिंग पर जल, दूध, घी, शहद और शक्कर अर्पित करें और अभिषेक करें। इसके अलावा, शिव को बिल्वपत्र, धतूरा, भांग और सफेद फूल अर्पित करने के साथ-साथ काले तिल, जनेऊ, सुपारी, जौ, गेहूं, गुड़ और अबीर बुक्का जैसी पूजन सामग्री भी चढ़ानी चाहिए। पूजा करने के बाद 'ॐ नम: शिवाय' और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। रात्रि जागरण और भक्ति भजन भी इस दिन का हिस्सा बन सकते हैं, ताकि शिव की कृपा प्राप्त हो सके।

मासिक शिवरात्रि का दिन सिर्फ एक धार्मिक अवसर नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन को दिशा देने वाला एक महत्वपूर्ण मोड़ भी हो सकता है, जब एक व्यक्ति विशेष रूप से अपने जीवन के किसी पहलू में बदलाव या सुधार के लिए तैयार हो। इन योगों का प्रभाव सामान्य जीवन में भी देखा जा सकता है, जैसे कि पेशेवर कामों में सफलता या निजी जीवन में शांति और संतुलन की प्राप्ति।

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