
मुंबई: महाराष्ट्र में इस साल के अंत तक स्थानीय निकाय चुनाव, जिन्हें प्रायः 'मिनी विधानसभा चुनाव' कहा जाता है, कराए जाने की संभावनाएं तेज हो गई हैं। राज्य सरकार ने नगर निगमों और नगर पालिकाओं के लिए वार्ड पुनर्गठन की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू कर दी है, जिससे संकेत मिल रहे हैं कि लंबे समय से लंबित शहरी निकाय चुनाव अब जल्द ही कराए जा सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, राज्य चुनाव आयोग ने जिला प्रशासन को नए परिसीमन के आधार पर वार्डों का गठन करने के निर्देश दिए हैं। यह प्रक्रिया उन महानगरपालिकाओं और नगर परिषदों के लिए है, जहां पिछले कुछ वर्षों से चुनाव समय पर नहीं हो सके थे। खासतौर पर मुंबई, पुणे, ठाणे, नागपुर और नासिक जैसे बड़े शहरों में स्थानीय चुनावों की देरी को लेकर लगातार राजनीतिक दबाव बना हुआ था।
'मिनी विधानसभा' चुनावों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ये न सिर्फ स्थानीय विकास के मुद्दों को उठाते हैं, बल्कि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए भी राजनीतिक दलों के लिए शक्ति परीक्षण साबित होते हैं। बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट), एनसीपी (अजित पवार गुट) और कांग्रेस सहित तमाम दल अपनी तैयारियों में जुट चुके हैं।
वहीं, नागरिकों की भी लंबे समय से यह मांग रही है कि शहरों में जनप्रतिनिधियों की गैरमौजूदगी से स्थानीय स्तर पर विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। नए वार्ड परिसीमन से लोगों को उम्मीद है कि उनका प्रतिनिधित्व बेहतर ढंग से हो सकेगा।
राज्य चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "वार्ड गठन की प्रक्रिया नियमानुसार की जा रही है और इसे समयसीमा में पूरा करने का प्रयास है। अगर सब कुछ तय समय पर होता है, तो दिसंबर तक चुनाव संभव हैं।"
अब देखना होगा कि राजनीतिक दल इन 'मिनी विधानसभा' चुनावों में किस रणनीति के साथ उतरते हैं और जनता किसे मौका देती है। फिलहाल, राज्य में चुनावी माहौल बनने लगा है।
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