
Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है कि बिहार की महिलाओं को आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर मिलें। इसी दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए 'बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड' का उद्घाटन किया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया, "हम बिहार की हमारी माताओं, बहनों और बेटियों को अवसरों की कोई कमी न हो, इसके लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में आज दोपहर लगभग 12:30 बजे, मैं ग्रामीण महिला उद्यमियों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक बड़ी पहल का उद्घाटन करूंगा।"
इस नई सहकारी संस्था की शुरुआत को एक मज़बूत आर्थिक आधार देने के लिए, प्रधानमंत्री ने 105 करोड़ रुपये सीधे संस्था के बैंक खाते में ट्रांसफर किए।
क्या है जीविका निधि और कैसे मिलेगा इसका फायदा?
यह नई सहकारी संस्था खासतौर पर बिहार के ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम 'जीविका' से जुड़ी महिलाओं को सस्ते और सुलभ लोन उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई है। 'जीविका' के तहत रजिस्टर्ड सभी क्लस्टर-स्तरीय महासंघ अब इस नई संस्था के सदस्य होंगे। इस पहल के लिए केंद्र और बिहार सरकार दोनों मिलकर फंड दे रही हैं।
अब तक 'जीविका' के स्वयं सहायता समूहों (Self-Help Groups) से जुड़ी हज़ारों महिलाएँ छोटे-मोटे बिज़नेस और उत्पादन यूनिट्स चलाकर आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। लेकिन, इनमें से कई महिलाओं को अपने काम के लिए माइक्रोफाइनेंस संस्थानों (MFIs) पर निर्भर रहना पड़ता था, जो 18% से 24% तक की भारी-भरकम ब्याज दर वसूलते थे।
'जीविका निधि' का मकसद इसी समस्या को खत्म करना है। अब महिलाओं को बड़े लोन बहुत ही कम ब्याज दरों पर मिल सकेंगे, जिससे महँगे कर्ज़ पर उनकी निर्भरता कम होगी।
यह पूरा सिस्टम डिजिटल तरीके से काम करेगा, जिससे लेन-देन तेज़ी से और पूरी पारदर्शिता के साथ होगा। इस काम में 'जीविका दीदियों' की मदद के लिए लगभग 12,000 सामुदायिक कार्यकर्ताओं को टैबलेट दिए जा रहे हैं, ताकि वे आसानी से लोन और अन्य वित्तीय सेवाओं का लाभ उठा सकें। उम्मीद है कि इस पहल से न केवल ग्रामीण महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण होगा, बल्कि सामुदायिक स्तर पर उद्यमिता को भी बढ़ावा मिलेगा।
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