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Up Kiran, Digital Desk: तीर्थनगरी के उत्तरी क्षेत्र में इन दिनों बंदरों और लंगूरों का आतंक चरम पर है। वन क्षेत्र से निकलकर ये जानवर अब रिहायशी इलाकों में घुस रहे हैं और स्थानीय लोगों पर हमले कर रहे हैं। अब तक कई महिलाएं, बच्चे और बुज़ुर्ग इनके हमले का शिकार हो चुके हैं। स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि लोग घर से बाहर निकलने में डरने लगे हैं।
बंदर और लंगूर बना रहे हैं घरों को निशाना
हरिद्वार के उत्तरी इलाके में रहने वाले करीब 50 हजार लोग इस नई मुसीबत से जूझ रहे हैं। इसके साथ ही हर दिन आने वाले हजारों श्रद्धालु भी अब इस समस्या से प्रभावित हैं। मंदिर दर्शन और गंगा स्नान के लिए आने वाले भक्त अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि जंगलों में फलदार पेड़ों की कमी और नगर पालिकाओं द्वारा दूसरे शहरों से बंदर-लंगूर पकड़कर हरिद्वार की सीमा पर छोड़ना, इस समस्या की मुख्य वजह है। यही कारण है कि अब ये जानवर रिहायशी इलाकों में खाना तलाशते हुए हिंसक हो गए हैं।
भाजपा नेताओं ने उठाई आवाज
बढ़ते खतरे को देखते हुए भाजपा कार्यकर्ता और क्षेत्रवासी मिलकर डीएफओ व उप प्रभागीय वन अधिकारी से मिले। भाजपा नेता और पूर्व पार्षद अनिरुद्ध भाटी और पार्षद सचिन कुमार के नेतृत्व में एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें बंदरों और लंगूरों के आतंक को रोकने की मांग की गई।
ज्ञापन सौंपते समय भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ कई क्षेत्रवासी भी शामिल हुए। डीएफओ की अनुपस्थिति में उप प्रभागीय वन अधिकारी पूनम कैन्थोला को ज्ञापन दिया गया। उन्होंने आश्वासन दिया कि नगर निगम के सहयोग से जल्द समाधान निकाला जाएगा।